Imran Khan Arrest: पाकिस्तान में गृह युद्ध जैसे हालात, जानिए क्या है तोशाखाना का मामला

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना मामले में गिरफ्तार करने के लिए पहुंची पुलिस 14 घंटे के बाद भी अब तक सफल नहीं हो पाई है।  पिछले 14 घंटे से ज्यादा समय से पुलिस और खान के समर्थक आपस में भिड़े हुए है। वही खान के समर्थकों को रोकने के लिए पुलिस […]

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Imran Khan Arrest: पाकिस्तान में गृह युद्ध जैसे हालात, जानिए क्या है तोशाखाना का मामला

Vikas Rana

  • March 15, 2023 7:06 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना मामले में गिरफ्तार करने के लिए पहुंची पुलिस 14 घंटे के बाद भी अब तक सफल नहीं हो पाई है।  पिछले 14 घंटे से ज्यादा समय से पुलिस और खान के समर्थक आपस में भिड़े हुए है। वही खान के समर्थकों को रोकने के लिए पुलिस आंसू गैस के गोले के अलावा पानी की बौछार का उपयोग कर रही है।

क्या है पूरा मामला ?

सारा मामला पाकिस्तान के खजाने की चोरी का है। इमरान खान साल 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे। इस दौरान उन्हें अरब देशों की यात्राओं के दौरान वहां के शासकों से महंगे गिफ्ट मिले थे। पाकिस्तान में नियमों के अनुसार किसी दूसरे देश के प्रमुखों या गणमान्य लोगों से मिले हुए उपहारों को तोशाखाना में रखा जाना जरूरी है। अगस्त 2022 में इमरान की मुसीबत तब बढ़ी, जब पाकिस्तान के सत्तारूढ़ गठबंधन ने चुनाव आयोग के पास एक याचिका दायर कर इमरान खान पर अपनी संपत्ति में तोशखाना से प्राप्त उपहारों के बारे में जानकारी ना देने का खुलासा नहीं किया था।

जिसके बाद जांच में पता चला कि इमरान ने मित्र खाड़ी देशों से आए उपहारों में से तीन महंगी घड़ियों की बिक्री की थी, जिसमें उन्होंने 36 मिलियन रुपए कमाए थे। उन्होंने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार ने कानूनी अनुमति भी दी थी। बाद में अक्टूबर 2022 को पाकिस्तान के चुनाव आयोग की पांच सदस्यीय पीठ द्वारा तोशाखाना मामले में इमरान को पांच साल के लिए सार्वजनिक कार्यालय संभालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। साथ ही इमरान खान के खिलाफ भ्रष्टाचार कानूनों के तहत कार्रवाई करने की बात की गई थी।

क्या होता है तोशाखाना

तोशाखाना का मतबल होता है खजाने का घर, पाकिस्तान में तोशाखाना एक सरकारी विभाग है, जहां पाकिस्तानी प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति को दिए गए उपहारों को रखा जाता है। बता दें, पाकिस्तान में तोशाखाना को 1974 में बनाया गया था, यहां पर हमेशा महंगे उपहारों को ही रखा जाता है। अगर किसी उपहार की कीमत 30 हजार रुपए से कम है, तो उसे राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री अपने पास रख सकते हैं। यदि कोई अधिकारी उपहार को लेना चाहता है, तो उसे एक निर्धारित मूल्य का भुगतान करना होता है। यह मूल्य तोशाखाना मूल्यांकन समिति द्वारा निर्धारित की जाती है।

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