नई दिल्ली। पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को लाहौर हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए- इंसाफ को लाहौर के मीनार-ए-पाकिस्तान इलाके में रविवार को रैली आयोजित करने से रोक दिया है। पाकिस्तान तहरीक-ए- इंसाफ के चीफ इमरान खान से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि […]
नई दिल्ली। पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को लाहौर हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए- इंसाफ को लाहौर के मीनार-ए-पाकिस्तान इलाके में रविवार को रैली आयोजित करने से रोक दिया है। पाकिस्तान तहरीक-ए- इंसाफ के चीफ इमरान खान से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि पुलिस – प्रशासन फिलहाल इमरान खान की गिरफ्तारी के लिए जमान पार्क में शुरू किए गए अभियान को रोक रही है।
इसके बाद कोर्ट ने इमरान खान को आदेश देते हुए कहा कि यदि आप कोई जनसभा आयोजित करना चाहते हैं, तो पंद्रह दिन पहले इसकी योजना बनाएं, ताकि प्रशासन आपकी सुरक्षा की उचित व्यवस्था कर सके। बता दें, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान रविवार को मीनार-ए-पाकिस्तान ने सुरक्षा चिंताओं के बावजूद रविवार को लाहौर के मीनार-ए-पाकिस्तान में ऐतिहासिक जलसा के आयोजन की घोषणा की थी।
बता दें, पाकिस्तान में पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर मचे बवाल के बाद लाहौर हाईकोर्ट ने इमरान खान को राहत देते हुए पुलिस को आदेश दिया था कि वह पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी के लिए उनके लाहौर स्थित आवास पर अपना ऑपरेशन को गुरुवार सुबह दस बजे तक रोक दे।
सारा मामला पाकिस्तान के खजाने की चोरी का है। इमरान खान साल 2018 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे। इस दौरान उन्होंने अरब देशों की यात्राओं में वहां के शासकों से महंगे गिफ्ट मिले थे। पाकिस्तान में नियमों के अनुसार किसी दूसरे देश के प्रमुखों या गणमान्य लोगों से मिले हुए उपहारों को तोशाखाना में रखा जाना जरूरी है। अगस्त 2022 में इमरान की मुसीबत तब बढ़ी, जब पाकिस्तान के सत्तारूढ़ गठबंधन ने चुनाव आयोग के पास एक याचिका दायर कर इमरान खान पर अपनी संपत्ति में तोशखाना से प्राप्त उपहारों के बारे में जानकारी ना देने का खुलासा नहीं किया था।
जिसके बाद जांच में पता चला कि इमरान ने मित्र खाड़ी देशों से आए उपहारों में से तीन महंगी घड़ियों की बिक्री की थी, जिसमें उन्होंने 36 मिलियन रुपए कमाए थे। उन्होंने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार ने कानूनी अनुमति भी दी थी। बाद में अक्टूबर 2022 को पाकिस्तान के चुनाव आयोग की पांच सदस्यीय पीठ द्वारा तोशाखाना मामले में इमरान को पांच साल के लिए सार्वजनिक कार्यालय संभालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। साथ ही इमरान खान के खिलाफ भ्रष्टाचार कानूनों के तहत कार्रवाई करने की बात की गई थी।
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