नई दिल्ली: थाईलैंड से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति ने 9वीं तक पढ़ाई करने के बावजूद खुद को डॉक्टर बताकर 20 साल तक मरीजों का इलाज किया और यहां तक कि सर्जरी भी की। यह व्यक्ति बिना किसी मेडिकल डिग्री या लाइसेंस के खुद को एक प्रतिष्ठित डॉक्टर के रूप […]
नई दिल्ली: थाईलैंड से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति ने 9वीं तक पढ़ाई करने के बावजूद खुद को डॉक्टर बताकर 20 साल तक मरीजों का इलाज किया और यहां तक कि सर्जरी भी की। यह व्यक्ति बिना किसी मेडिकल डिग्री या लाइसेंस के खुद को एक प्रतिष्ठित डॉक्टर के रूप में प्रस्तुत करता था और अपना एक निजी क्लिनिक भी चला रहा था।
एक रिपोर्ट के अनुसार, इस फर्जी डॉक्टर ने खुद को एक प्रसिद्ध मेडिकल कॉलेज से पढ़ा हुआ डॉक्टर बताया था। उसने लोगों का विश्वास जीतने के लिए इतनी चतुराई से अपने आपको पेश किया कि मरीज उसके पास इलाज के लिए बड़ी संख्या में पहुंचने लगे। उसकी क्लिनिक में प्राइवेट समस्याओं से संबंधित इलाज और सर्जरी होती थी। मरीजों को उसने यह विश्वास दिला दिया था कि उनकी बीमारियां पूरी तरह से ठीक हो जाएंगी।
कई सालों तक इस फर्जी डॉक्टर की धोखाधड़ी छिपी रही। हालांकि मामला तब सामने आया, जब एक मरीज को ऑपरेशन के बाद गंभीर संक्रमण हो गया। जब मरीज वापस डॉक्टर के पास पहुंचा, तो डॉक्टर ने उसकी समस्या को नजरअंदाज किया और उसे टालने लगा। डॉक्टर के असंवेदनशील रवैये और सही जवाब न मिलने पर मरीज को शक हुआ। इसके बाद उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत के बाद पुलिस ने एक स्टिंग ऑपरेशन के जरिए इस फर्जी सर्जन को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि न तो उसने कोई मेडिकल शिक्षा प्राप्त की थी और न ही उसके पास मेडिकल प्रैक्टिस का लाइसेंस था। उसने केवल 9वीं कक्षा तक पढ़ाई की थी, लेकिन पिछले 20 वर्षों से बिना किसी डिग्री या अनुमति के क्लिनिक चला रहा था। बता दें, फर्जी डॉक्टर की पहचान किट्टीकोर्न सॉन्गस्री के रूप में हुई है। उसके खिलाफ अवैध रूप से क्लिनिक चलाने और बिना लाइसेंस के चिकित्सा प्रैक्टिस करने के आरोप लगाए गए हैं। पीड़ित मरीज ने भी कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और इस घटना ने थाईलैंड में हेल्थकेयर सिस्टम को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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