नई दिल्ली : पाकिस्तान आर्थिक बदहाली से जूझ रहा है वे आईएमएफ की कोई भी शर्त मानने को तैयार है. आईएमएफ ने पाकिस्तान के सामने एक अनोखी शर्त रखी है. आईएमएफ का कहना है कि अगर आप को फंड चाहिए तो सभी सियासी दलों को एक मंच पर लाना होगा. सभी पार्टियों के नेताओं से […]
नई दिल्ली : पाकिस्तान आर्थिक बदहाली से जूझ रहा है वे आईएमएफ की कोई भी शर्त मानने को तैयार है. आईएमएफ ने पाकिस्तान के सामने एक अनोखी शर्त रखी है. आईएमएफ का कहना है कि अगर आप को फंड चाहिए तो सभी सियासी दलों को एक मंच पर लाना होगा. सभी पार्टियों के नेताओं से चर्चा करने के बाद हम फैसला करेगे. पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ के लिए ये बहुत ही मुश्किल काम है. पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को साथ लाना बहुत ही मुश्किल है.
आईएमएफ ने बेल आउट पैकेज के लिए पाकिस्तान के सामने कुछ और शर्तें रखी है. आईएमएफ ने पाकिस्तान ने कहा है कि डिफेंस बजट में कटौती, इलेक्ट्रिसिटी टैरिफ और एडिशनल टैक्स को बढ़ाना शामिल है. आईएमएफ ने पाकिस्तान के वित्त मंत्री डार के सामने अपनी शर्तें रख दी है. पाकिस्तान सरकार अगर इन बातों पर अमल करेगी तो आईएमएफ उनकी अपील पर गौर करेगा. पाकिस्तान के लिए इस समय बेल आउट पैकेज बहुत जरूरी है नहीं तो उसकी हालत श्रीलंका से भी खराब हो जाएगी.
पाकिस्तान की आईएमएफ के साथ पहले दौर की बातचीत हो चुकी है. पाकिस्तान के वित्त मंत्री अपने देश की हालत पूरी बताई. आईएमएफ ने साफ कहा कि अगर आप को पैसा चाहिए तो आपको मेरी सारी शर्तें माननी पड़ेगी.
शेख रेहान ने एक बयान जारी कर कहा कि बैंक बंदरगाह पर उतारे गए माल के दस्तावेजों को क्लीयर करने में विफल हो रहे है जिसकी वजह से परेशानी हो रही है. अगर सरकार जल्द से जल्द दस्तावेजों को क्लीयर नहीं करती है तो आने वाले 20 से 30 दिनों में घी और खाना पकाने के तेल के संकट का सामना करना पड़ सकता है. स्थिति इतनी खतरनाक होने के बावजूद सरकार इसपर कोई ध्यान नहीं दे रही है.
कुछ महीनों से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लगातार खराब हो रही है. देश में विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार कमी हो रही है. हालत इतनी खराब है कि पाकिस्तान के पास केवल 3 सप्ताह के आयात को कवर करने भर बचा है. पिछले साल आई विनाशकारी बाढ़ की वजह से पाकिस्तान पहले से ही कर्ज में डूबा हुआ है और अब खाद्य पदार्थों के संकट से जूझ रहा है. पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था तो सुधारने के लिए आईएमएफ से बेलआउट फंड लेने की कोशिश कर रहा है. पाकिस्तान में महंगाई इतनी बढ़ गई है कि मूलभूत जीचें भी नहीं मिल पा रही है. पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स ने अपने एक बयान में कहा है कि पिछले महीने की तुलना में जनवरी में जरूरू सामानों की कीमतें 2.9 फीसदी बढ़ी है वहीं दिसंबर में सीपीआई 24.5 प्रतिशत तक पहुंच गई थी.