नई दिल्ली: हमारे देश में जब कोई बच्चा पैदा होता है तो उसे सभी रिश्तेदार खूब प्यार करते हैं, लेकिन कुछ देशों में ऐसा नहीं हैं. आज हम एक ऐसे देश के बारे में बताएंगे, जहां माता-पिता अपने बच्चों को हाथ से खाना नहीं खिला सकते है। हम जिस देश की बात कर रहे हैं […]
नई दिल्ली: हमारे देश में जब कोई बच्चा पैदा होता है तो उसे सभी रिश्तेदार खूब प्यार करते हैं, लेकिन कुछ देशों में ऐसा नहीं हैं. आज हम एक ऐसे देश के बारे में बताएंगे, जहां माता-पिता अपने बच्चों को हाथ से खाना नहीं खिला सकते है।
हम जिस देश की बात कर रहे हैं वह नॉर्वे देश है, इस देश में एक भारतीय कपल को इन नियमों का उल्लंघन करने पर काफी मुश्किल उठानी पड़ी थी. कपल ने यह गलती की थी कि अपने बच्चों को हाथ से खाना खिला दिया था, इतना ही नहीं, नॉर्वे में बच्चों को अपने साथ बिस्तर पर सुलाना भी नियमों का उल्लंघन है. भारतीय कपल ने अपने बच्चों को बिस्तर पर सुलाया भी था, जिसके बाद नॉर्वे प्रशासन ने इस कपल के दोनों बच्चों को छीन लिया।
इस मामले को 10 साल हो गए हैं लेकिन कपल के लिए वो यादें आज भी ताजा है. इस घटना के बारे में दुनियाभर में चर्चा हुई थी, लंबी कानूनी लड़ाई के बाद भारतीय माता-पिता अपने बच्चों को दोबारा हासिल किए. अब इस मामले पर एक फिल्म बन रही है. इस फिल्म में रानी मुखर्जी मां का रोल निभा रही है।
आपको बता दें कि 2011 में अनुरूप भट्टाचार्य और पत्नी सगारिका के साथ यह घटना हुई थी. उनके 3 साल के बेटे और 1 साल की बेटी को नॉर्वे सरकार ने नियमों के उल्लंघन करने पर कस्टडी में ले लिया था।
नॉर्वे में बच्चों के भविष्य सुधारने के लिए बाल कल्याण सेवा चलाई जाती है. यह बहुत ही ताक़तवर सर्विस है. यह संवैधानिक संस्था है जो बच्चों के देखभाल के साथ उचित स्वास्थ्य व्यवस्था को देखती है. बच्चों की सही देखभाल न होने पर वह इन बच्चों को अपनी कस्टडी में ले लेते हैं ओर 18 साल की उम्र के बाद अपनी कस्टडी से बच्चों को छोड़ देते हैं।
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