नई दिल्ली। बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने लगभग 5 महीने बाद तख्तापलट की दर्दनाक कहानी बताई है। उन्होंने एक ऑडियो के जरिए अपना दर्द बयां किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि अगर उन्हें बांग्लादेश से निकलने में 20 मिनट की देरी हो जाती तो वह उनका और उनकी बहन रेहाना का आखिरी दिन होता।
शेख हसीना का यह ऑडियो टेप उनकी पार्टी अवामी लीग ने शेयर किया है। पार्टी के फेसबुक पोस्ट पर शेयर किए गए इस ऑडियो टेप में वह अपने विरोधियों पर उन्हें मारने की साजिश रचने का आरोप लगा रही हैं। ऑडियो में शेख हसीना कह रही हैं, ‘मुझे लगता है कि अगर हम 21 अगस्त को समय पर नहीं निकलते तो उस दिन मारे गए होते। अल्लाह हमारे साथ था, इसलिए आज हम सुरक्षित हैं।’ ऑडियो टेप में हसीना ने साल 2004 में हुए ग्रेनेड हमले का भी जिक्र किया, जिसमें वह घायल हो गई थीं। इसके अलावा उन्होंने साल 2000 की एक घटना को भी याद किया, जिसमें एक कॉलेज में बम मिले थे, जहां उन्हें जाना था।
बता दें बांग्लादेश के पीएम पद से इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना भारत आ गईं। उनके बाद बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार का गठन हुआ। बता दें कि अगस्त 2024 में आरक्षण प्रणाली को खत्म करने के लिए छात्रों का विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया, जिसके बाद लोगों ने पीएम आवास पर हमला कर दिया था। शेख हसीना ने इस्तीफा देकर भारत में शरण ली। हाल ही में भारत सरकार ने उनकी वीजा अवधि भी बढ़ा दी है।
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