मां का दूध नवजात शिशु के लिए सबसे पोषक आहार होता है, लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि इंसानों का ब्रेस्ट मिल्क आइसक्रीम बनाने के लिए
नई दिल्ली: मां का दूध नवजात शिशु के लिए सबसे पोषक आहार होता है, लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि इंसानों का ब्रेस्ट मिल्क आइसक्रीम बनाने के लिए भी इस्तेमाल हो सकता है? हैरान मत होइए, कुछ देशों में ऐसा हो रहा है। आइए जानते हैं इस अनोखी आइसक्रीम के बारे में और क्या है इसकी कीमत।
साल 2011 में लंदन के एक आइसक्रीम पार्लर ने ‘बेबी गागा’ नाम की आइसक्रीम लॉन्च की थी, जिसे ब्रेस्ट मिल्क से बनाया गया था। इस आइसक्रीम ने खूब चर्चा बटोरी, लेकिन इसके साथ ही विवाद भी खड़े हो गए। आइसक्रीम के निर्माता का तर्क था कि इस पहल से लोगों को ब्रेस्ट मिल्क की अहमियत समझ में आएगी और नई माताओं को स्तनपान के लिए प्रेरित किया जा सकेगा।
भारत में ब्रेस्ट मिल्क बेचना या खरीदना कानूनन अपराध है। यहां की सरकार ने 2006 के FSS Act के तहत किसी भी तरह के व्यावसायिक लेनदेन को प्रतिबंधित किया है। भारत में ब्रेस्ट मिल्क केवल जरूरतमंद बच्चों के लिए डोनेट किया जा सकता है। कई संस्थाएं बिना किसी मुनाफे के यह सेवा प्रदान कर रही हैं।
दुनिया भर में कई कंपनियां जानवरों के दूध से भी आइसक्रीम बना रही हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर घोड़ी के दूध से बनी आइसक्रीम की भी चर्चा हुई थी। लोगों की खाने-पीने की आदतों में आ रहे बदलावों के साथ, अनोखे तरीकों से आइसक्रीम बनाना अब नया ट्रेंड बन चुका है।
भारत में ब्रेस्ट मिल्क बेचना पूरी तरह अवैध है। यहां ब्रेस्ट मिल्क का व्यवसायिक उपयोग करने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है। पिछले साल एक कंपनी का लाइसेंस रद्द भी कर दिया गया था, जो ब्रेस्ट मिल्क बेचने का काम कर रही थी।
ब्रेस्ट मिल्क से बनी आइसक्रीम को लेकर भले ही दुनियाभर में उत्सुकता हो, लेकिन यह नैतिक और कानूनी दोनों ही दृष्टिकोण से एक विवादित विषय है। जहां एक ओर कुछ लोग इसे माताओं को स्तनपान के लिए प्रोत्साहित करने का जरिया मानते हैं, वहीं दूसरी ओर इसकी नैतिकता पर सवाल उठाए जाते हैं।
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