Trump Iftar Party: ईद से पहले आज आखिरी जुमे का दिन है और दुनियाभर में रमजान के उत्सव की तस्वीरें सामने आ रही हैं. इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार, 27 मार्च 2025 को व्हाइट हाउस में एक भव्य इफ्तार पार्टी का आयोजन किया. इस मौके पर ट्रंप ने मुस्लिम समुदाय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और नवंबर 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में मिले उनके समर्थन के लिए आभार जताया. यह आयोजन ऐसे समय में हुआ. जब पश्चिम एशिया में इजराइल-हमास संघर्ष के कारण तनाव चरम पर है और फिलिस्तीनी जनता को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
व्हाइट हाउस में आयोजित इस इफ्तार समारोह में मुस्लिम समुदाय के प्रमुख नेता, राजनयिक और सरकारी अधिकारी शामिल हुए. अपने संबोधन में ट्रंप ने कहा ‘नवंबर में मुस्लिम समुदाय हमारे साथ था और जब तक मैं राष्ट्रपति हूँ मैं आपके साथ रहूँगा. हर दिन हम मुस्लिम समुदाय से किए गए अपने वादों को पूरा कर रहे हैं. मेरा प्रशासन ऐतिहासिक अब्राहम समझौते के आधार पर मध्य पूर्व में स्थायी शांति स्थापित करने की दिशा में प्रयास कर रहा है.’ ट्रंप ने यह भी बताया कि उनकी सरकार मुस्लिम-अमेरिकियों के बहुमूल्य समर्थन को महत्व देती है जिन्होंने चुनाव में उनकी जीत में अहम भूमिका निभाई.
यह इफ्तार आयोजन तब हुआ. जब मध्य पूर्व में इजराइल और हमास के बीच चल रही जंग ने वैश्विक चिंता बढ़ा दी है. अमेरिका, कतर और मिस्र की मध्यस्थता में गाजा में लागू युद्धविराम हाल ही में रुक गया है. इजराइल, हमास पर 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमले के दौरान बंधक बनाए गए लोगों को रिहा करने के लिए दबाव बना रहा है. इस बीच ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में शुरू किए गए अब्राहम समझौते का जिक्र किया. जिसके तहत इजराइल और कई अरब देशों के बीच संबंध सामान्य करने की पहल हुई थी. उन्होंने इसे मध्य पूर्व में शांति का आधार बताया.
पश्चिम एशिया में जारी तनाव के बीच बड़ी संख्या में अरब मुसलमान अमेरिका की इजराइल-समर्थक नीतियों से नाराज हैं. ट्रंप के इस इफ्तार आयोजन को एक कूटनीतिक कदम के रूप में भी देखा जा रहा है. जिसका मकसद मुस्लिम समुदाय के साथ संबंधों को मजबूत करना है. ट्रंप ने 2018 में अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी रमजान के सम्मान में इफ्तार की मेजबानी की थी और इस बार भी यह आयोजन चर्चा का विषय बना हुआ है.
दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्ष रमजान के इस पवित्र महीने में इफ्तार समारोहों में हिस्सा ले रहे हैं. ट्रंप का यह कदम न केवल अमेरिकी मुस्लिम समुदाय के लिए बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक संदेश देता है कि उनकी सरकार शांति और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है.
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