नई दिल्ली : फ़्रांस में तनाव पसरा हुआ है जहां हालात पर काबू पाने के लिए करीब 45 हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. लेकिन दंगे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. पुलिस अब तक ढाई हजार से अधिक लोगों की गिरफ्तारी कर चुकी है लेकिन हिंसा पर इसका कोई असर नहीं है. […]
नई दिल्ली : फ़्रांस में तनाव पसरा हुआ है जहां हालात पर काबू पाने के लिए करीब 45 हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. लेकिन दंगे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. पुलिस अब तक ढाई हजार से अधिक लोगों की गिरफ्तारी कर चुकी है लेकिन हिंसा पर इसका कोई असर नहीं है. अब तक दंगाइयों ने 24 से अधिक दुकानों को फूंक दिया है. पूरे देश में फैली अराजकता को देखते हुए फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने सोशल मीडिया की गंभीरता पर निशाना साधा है.
17 साल के एक शख्स की मौत बाद फ़्रांस में भड़के दंगों को लेकर टिकटॉक, स्नैपचैट, ट्विटर और दूसरे सोशल मीडिया पर गंभीर लापरवाही दिखाई दे रही है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन का कहना है कि सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स की गैर जिम्मेदारी के कारण आज पूरा देश धू-धू कर जल रहा है. मैक्रॉन ने ये भी कहा कि फ़्रांसिसी सरकार इस समय सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और गैर-जिम्मेदार कंटेंट को हटाने का विचार कर रही है. जल्द ही फ़्रांसिसी सरकार जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एक्शन लेगी.
बता दें, फ़्रांस में साइबर नियमों का उल्लंघन गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है जिसके खिलाफ सख्त कार्रवाई के कानून बनाए गए हैं. इसे बलात्कार और हत्या जैसे अपराधों की तरह ही देखा जाता है. साल 2020 में फ़्रांस की संसद में एक विधेयक को मंजूरी दे दी गई थी जिसके अनुसार सोशल मीडिया और सर्च इंजनों में चल रही प्रतिबंधित सामग्री को 24 घंटों के भीतर हटाने पर मंजूरी दी गई. इतना ही नहीं यदि ऐसा नहीं किया गया तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कार्रवाई की जा सकती है. दूसरी ओर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों में से एक स्नैपचैट के प्रवक्ता राचेल राक्यूसेन ने मैक्रॉन के ऐलान के बाद कहा है कि उनकी कंपनी सरकार के निर्देशों के अनुसार कदम उठाने को तैयार है.