नई दिल्ली। बांगलादेश में सियासी उलट- फेर के बाद कट्टरपंथियों की ताकत बढ़ गई और वहां के हिन्दुओं को उनका अत्याचार सहना पड़ रहा है। पिछले डेढ़ महीने से जारी हिंसा के बाद अब हिन्दू समुदायों ने एकजुट होकर हिंसा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संतो ने बांग्लादेश के हिन्दूओं की रक्षा के लिए जनसंख्या बढ़ाने की अपील की है।
हाल ही में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक धर्मगुरुओं और समुदाय के नेताओं ने एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में हिंदुओं से अपनी जनसंख्या बढ़ाने की अपील की गई। कार्यक्रम में हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों ने एकजुट होकर इस्लामिक कट्टरपंथ के खिलाफ आवाज उठाई।
धार्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु ने इस आंदोलन में हिस्सा लिया और हिंदुओं से अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए बच्चे पैदा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह न केवल अपने पूर्वजों के प्रति सम्मान है बल्कि अपनी पहचान बनाए रखने का एक तरीका भी है।
इसके बाद कट्टरपंथियों ने धार्मिक नेताओं को जान से मारने की धमकी देनी शुरू कर दी। इन कट्टरपंथियों ने पहले हिंदू मंदिरों, घरों और बस्तियों को निशाना बनाया था। और अब वे धार्मिक गुरुओं को धमका रहे हैं।
हालाँकि, बांग्लादेश में हिंदुओं की एकता और विरोध प्रदर्शन जारी है। सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार और प्रशासन कट्टरपंथियों के इशारे पर काम कर रहे हैं और खुलेआम नफरती विचारधारा का प्रचार किया जा रहा है।
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