नई दिल्ली: पड़ोसी देश बांग्लादेश में जबसे शेख हसीना सरकार का तख्तापलट हुआ है, वहां अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय खतरे में आ गया है. प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ने पर मजबूर करने वाला छात्र आंदोलन अब अल्पसंख्यक विरोधी हिंसक भीड़ में तब्दील हो गया है. पूरे देश में इस्लामिक कट्टरपंथियों की भीड़ हिंदुओं को निशाना […]
नई दिल्ली: पड़ोसी देश बांग्लादेश में जबसे शेख हसीना सरकार का तख्तापलट हुआ है, वहां अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय खतरे में आ गया है. प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ने पर मजबूर करने वाला छात्र आंदोलन अब अल्पसंख्यक विरोधी हिंसक भीड़ में तब्दील हो गया है. पूरे देश में इस्लामिक कट्टरपंथियों की भीड़ हिंदुओं को निशाना बना रही है. वहीं, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार इस हिंसा को रोक पाने में असफल साबित हो रही है.
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले का असर भारत में दिख रहा है. यहां के हिंदु समुदाय में इसे लेकर काफी गुस्सा है और वे भारत सरकार से इस मामले में दखल देने की अपील कर रहे हैं. इस बीच भारत के वरिष्ठ विपक्षी नेता ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस की खूब तारीफ की है. इस नेता का नाम शरद पवार है. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और एनसीपी (SCP) के मुखिया शरद पवार ने कहा है कि यूनुस एक धर्मनिरपेक्ष इंसान हैं और उन्हें अपने देश हो रही ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने चाहिए.
बता दें कि इस्लामिक कट्टरपंथियों का अत्याचार सह रहे हिंदुओं के सब्र का बांध टूट गया. शनिवार को बांग्लादेश के चटगांव में करीब 7 लाख हिंदू जुटे और उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराया. इस दौरान अल्पसंख्यक हिंदुओं ने अपनी सुरक्षा और देश में बराबरी का अधिकार दिए जाने की मांग की. इतनी बड़ी संख्या में हिंदुओं के जुटने से चटगांव पुलिस-प्रशासन और बांग्लादेशी सेना का हाथ-पांव फूल गए. प्रदर्शन के दौरान हिंदुओं के जय श्री राम के जय घोष से इस्लामिक कट्टरपंथी भी सहम उठे.
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