Myanmar Earthquake Tremors: म्यांमार में शुक्रवार को 7.7 की तीव्रता से आये भूकंप से कई इमारतें ढह गई है। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज के मुताबिक भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर गहराई में था। भूकंप के झटकों का असर बैंकॉक तक महसूस किया गया। बड़ी-बड़ी इमारतें ढह गई। घरों से लोग घबराकर सड़क पर आ गए। सभी अपने दफ्तरों से बाहर भागे।
Massive destruction in Bangkok due to earthquake. pic.twitter.com/u8qQyE8mtR
— News Arena India (@NewsArenaIndia) March 28, 2025
हमारी धरती की सतह 7 बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी हुई है। ये सारे प्लेट्स तैरती रहती है। इसी क्रम में कभी कभी वापस में टकरा जाती है। कई बार टकराने से ट्स के कोने मुड़ जाते हैं और टूटने लगते हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर निकलने के लिए जगह ढूंढने लगती है। इस कारण डिस्टर्बेंस आता है और फिर भूकंप आता है। रिक्टर स्केल पर 0 से 9 या उससे ज्यादा तक आता है। 5 से ज्यादा तीव्रता का भूकंप खतरनाक माना जाता है। 6 से 6.9 की तीव्रता में इमारतों की नींव दरक जाती है। 7 से ज्यादा में इमारतें गिर जाती हैं। 8 से ज्यादा में इमारतों समेत बड़े-बड़े पुल गिर जाते हैं।
भूकंप 9 या उससे ज्यादा तीव्रता का हो तो संपूर्ण विनाश हो जाता है। यह इतना खतरनाक है कि अगर आप मैदान में खड़े होंगे तो आपको धरती लहराते हुए दिखने लगेगी। समुद्र नजदीक में हो तो फिर सुनामी आती है। इस वजह से भूस्खलन और हिमस्खलन हो सकता है। साल 1920 में चीन में भूकंप के बाद लैंडस्लाइड हुआ था। इसमें दो साल से ज्यादा लोग मारे गए थे। 2004 में इंडोनेशिया में भूकंप के बाद सुनामी आई थी, इसमें 2.30 लाख मारे गए थे। भारत में सबसे विनाशकारी भूकंप 1934 में आई थी। इसकी तीव्रता 8.1 थी, इसमें 30 हजार लोगों की मौत हो गई थी।
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