नई दिल्ली। बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच शेख हसीना प्रधानमंत्री पद छोड़ 5 अगस्त को भारत आ गईं। फिलहाल वह गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर स्थित एक सेफ हाउस में हैं। उधर बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है। शेख हसीना के देश छोड़ने […]
नई दिल्ली। बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच शेख हसीना प्रधानमंत्री पद छोड़ 5 अगस्त को भारत आ गईं। फिलहाल वह गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर स्थित एक सेफ हाउस में हैं। उधर बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है। शेख हसीना के देश छोड़ने पर प्रदर्शनकारी जश्न मना रहे हैं। छात्र आंदोलन के दौरान हसीना की ऐसी कहानी भी दुनिया के सामने आई जिसके बारे में लोग नहीं जानते थे।
कहा जाता है कि शेख हसीना अपने विरोधियों का सिर उठने से पहले ही कुचल देती थीं। इसके लिए उन्होंने एक सीक्रेट जेल बना रखा था। जो भी हसीना के खिलाफ कुछ बोलता था या कोई पत्रकार कुछ लिखता था तो शेख हसीना उसे जेल में डलवा देती थीं। बताया जाता है कि शेख हसीना अपने विरोधी नेताओं, पत्रकारों को मीरपुर स्थित सीक्रेट जेल में रखती थीं। यह जेल आर्मी की इंटेलिजेंस विंग की देखरेख में चलती ही। इसमें बंद कैदियों को उल्टा लटकाकर पीटा जाता था। यहां सूरज की रोशनी भी नहीं आती थी। उन्हें खाने के लिए नहीं दिया जाता था।
वो प्यास से तड़पते रहते थे। काल कोठरियों के अंदर कैदियों पर ऐसे-ऐसे जुल्म ढाए जाते थे कि यादें अभी भी उनका दिल दहला देती हैं।
बता दें कि बांग्लादेश महीनों तक आरक्षण की आग में जला। इस हिंसक आंदोलन में 500 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। प्रदर्शनकारी शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर अड़े हुए थे। इसी कड़ी में वो बड़ी संख्या में राजधानी ढाका की सड़कों पर उतर गए। मजबूरन शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा और वो जान बचाते हुए देश छोड़कर भागीं। इसके बाद प्रदर्शनकारी ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी इस्तीफा देने को मजबूर कर दिया।
ऐसी हिमाकत! बांग्लादेशी विदेश मंत्री ने कहा- यूनुस आदेश दें तो शेख हसीना को भारत से उठा लाएंगे