कैदियों को उल्टा लटकाकर पिलास से नाखून उखाड़ती हैं हसीना! दिल दहला देगी ‘आइना घर’ की वारदात

नई दिल्ली। बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच शेख हसीना प्रधानमंत्री पद छोड़ 5 अगस्त को भारत आ गईं। फिलहाल वह गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर स्थित एक सेफ हाउस में हैं। उधर बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है। शेख हसीना के देश छोड़ने […]

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कैदियों को उल्टा लटकाकर पिलास से नाखून उखाड़ती हैं हसीना! दिल दहला देगी ‘आइना घर’ की वारदात

Pooja Thakur

  • August 13, 2024 4:38 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली। बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच शेख हसीना प्रधानमंत्री पद छोड़ 5 अगस्त को भारत आ गईं। फिलहाल वह गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर स्थित एक सेफ हाउस में हैं। उधर बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है। शेख हसीना के देश छोड़ने पर प्रदर्शनकारी जश्न मना रहे हैं। छात्र आंदोलन के दौरान हसीना की ऐसी कहानी भी दुनिया के सामने आई जिसके बारे में लोग नहीं जानते थे। उनमें से एक कहानी हसीना की सीक्रेट जेल ‘आईना घर’ की सामने आई है।

पिलास से उखाड़ लिया जाता था नाखून

जमात-ए-इस्लामी के बड़े नेता के बेटे को 8 साल तक आईना घर में रखकर तड़पाया गया। ‘आईना घर’ नामक सीक्रेट जेल राजधानी ढाका के मीरपुर में है। यहां पर आर्मी की इंटेलिजेंस विंग देखरेख करती थी। इसमें 600 कैदी थे लेकिन शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद जब उन्हें सब रिहा करने पहुंचा तो सिर्फ 100 लोग थे। बाकी बचे हुए 500 लोग कहां गए हैं, उसके बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है। पीड़ित आईना घर को नर्क के सामान बताते हैं। जेल की दीवार 20 फीट ऊंची है। यहां पर सूरज की भी रौशनी नहीं आती। बताया जाता है कि पिलास से कैदियों के नाख़ून उखाड़ लिए जाते हैं. उन्हें उल्टा लटकाकर बेरहमी से मारा जाता है। खाना-पानी भी सही से मुहैया नहीं कराई जाती है। तख्ता पलट के बाद इस जेल का इंचार्ज मेजर जनरल जिया उल अहसान देश छोड़कर भागने की फिराक में था लेकिन वह एयरपोर्ट पर पकड़ा गया।

500 लोगों की जा चुकी जान

बता दें कि बांग्लादेश महीनों तक आरक्षण की आग में जला। इस हिंसक आंदोलन में 500 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। प्रदर्शनकारी शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर अड़े हुए थे। इसी कड़ी में वो बड़ी संख्या में राजधानी ढाका की सड़कों पर उतर गए। मजबूरन शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा और वो जान बचाते हुए देश छोड़कर भागीं। इसके बाद प्रदर्शनकारी ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी इस्तीफा देने को मजबूर कर दिया।

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