Greenri in Saudi Arabia: दुनियाभर के मुसलमानों के लिए मक्का और मदीना ख़ास जगहों में से एक है। सऊदी अरब के शहर मक्का और मदीना को इस्लाम में बेहद पाक माना गया है। मक्का और मदीना को मुस्लिमों के लिए जन्नत का दरवाज़ा भी कहा गया है। यहाँ पर काबा और बड़ी मस्जिद “मस्जिद-अल-हरम” (Masjid […]
Greenri in Saudi Arabia: दुनियाभर के मुसलमानों के लिए मक्का और मदीना ख़ास जगहों में से एक है। सऊदी अरब के शहर मक्का और मदीना को इस्लाम में बेहद पाक माना गया है। मक्का और मदीना को मुस्लिमों के लिए जन्नत का दरवाज़ा भी कहा गया है। यहाँ पर काबा और बड़ी मस्जिद “मस्जिद-अल-हरम” (Masjid al-Haram) मौजूद है। यही नहीं, हर मुस्लिम अक़ीदतमंद की दिली ख़्वाहिश और तमन्ना होती है कि वो एक मर्तबा अपनी ज़िंदगी में हज मुकम्मल करे। हर साल सऊदी अरब के मक्का में दुनियाभर के मुस्लिम हज करने आते हैं।
आपको बता दें, इन दिनों सोशल मीडिया व इंटरनेट पर तमाम किस्म के वीडियो वायरल हो रहे हैं। इन वीडियो में मक्का और मदीना के चारों ओर हर तरफ हरियाली दिखाई नज़र आ रही है। आलम ऐसा है कि वो बंज़र ज़मीन जो सालों से रेगिस्तान थी आज वहाँ पर कुछ इस क़दर तब्दीली हुई जिसे देखकर लोग हैरान हो रहे हैं। यहाँ पर ऊँट और तमाम जानवर घास चरते हुए दिखाई दे रहे है।
वायरल हो रहे इन तस्वीरों और वीडियो देखकर ज़रा भी अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता है कि यह मक्का और मदीना है। ऐसे में लोग इस वाकये को मौसम में आई तब्दीली मान रहे हैं तो वहीं तमाम लोगों का ऐसा कहना है कि यह कयामत की निशानी में से एक है। जिसके बारे में मोहम्मद स0 ने 1400 साल पहले ही बता दिया था।
ख़बरों के मुताबिक, इस बारे में लोगों का कहना है कि मक्का मदीना में हरियाली कयामत की निशानियों में से एक है। बताया जाता है कि मोहम्मद स0 ने 1400 साल पहले ही इस बात का ज़िक्र किया था कि, “आख़िरत उस वक़्त तक नहीं आएगी जब तक अरब की बंज़र ज़मीन घास के मैदान और नदियों से भर जाएगी”. बताते चलें, यहाँ पर आयत का मतलब बताया गया है।
जैसा कि हम सब जानते हैं… सऊदी अरब एक रेगिस्तानी और गर्म इलाका है। ऐसे में बंज़र ज़मीन पर हरियाली दिखाई देना ताज़्ज़ुब की बात है। ऐसे में लोगों का दावा है कि बीते साल हुई ज़ोरदार बारिश की वजह से मौसम में तब्दीली आई है। यही वजह है कि वहन पर घास उग गई है। ऐसा हम नहीं मौसम वैज्ञानिक कह रहे हैं। बीते कुछ वक़्त में मौसम में काफी तब्दीली आई है जिससे दुनियाभर में मौसम का हाल बदतर हो गया है।
रेगिस्तान जैसे इस इलाके में गर्मी के वक़्त औतस तापमान 41 डिग्री सेल्सियस रहता है। पहले आलम ऐसा था कि इन इलाकों में मुश्किल ही बारिश देखने को मिलती थी। लेकिन दिसंबर महीने में इस क़दर बारिश हुई कि तमाम इलाकों में सैलाब आ गया। बहरहाल यहाँ पर बताई गई बातें वैज्ञानिकों व लोगों की अपनी निजी राय है।इस ख़बर के ज़रिए हम किसी भी बात की तस्दीक़ या ख़ारिज नहीं करते हैं।