नई दिल्ली: Google जिसने अपने प्ले स्टोर से कई भारतीय कंपनियों के ऐप्स हटा दिए हैं, मंगलवार को सरकार के दबाव में उन ऐप्स को बहाल करने पर सहमत हो गया है. बता दें कि सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि स्टार्टअप समुदाय और गूगल ने उनसे बात की जिसके बाद […]
नई दिल्ली: Google जिसने अपने प्ले स्टोर से कई भारतीय कंपनियों के ऐप्स हटा दिए हैं, मंगलवार को सरकार के दबाव में उन ऐप्स को बहाल करने पर सहमत हो गया है. बता दें कि सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि स्टार्टअप समुदाय और गूगल ने उनसे बात की जिसके बाद गूगल सहमत हो गया. उन्होंने ये भी उम्मीद जताई कि दोनों पक्ष एक-दूसरे से बात करेंगे और समाधान निकालेंगे, और वैष्णव ने कहा कि गूगल और स्टार्टअप के बीच सरकार के साथ रचनात्मक चर्चा हुई है. इसके परिणाम सामने आए और Google इन सभी कंपनियों के ऐप्स को 1 मार्च 2024 से पहले की स्थिति में बहाल करने पर सहमत हो गया.
स्टार्टअप समुदाय के एक प्रतिनिधि समूह ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग से अपील की है कि वो Google को कंपनियों के ऐप्स को प्ले स्टोर पर बहाल करने के लिए मजबूर करे. बता दें कि एलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (एडीआईएफ) ने 1 मार्च को आयोग को लिखे एक पत्र में कहा कि ऐप को प्ले स्टोर से हटाना प्रतिस्पर्धा को खत्म करने का एक कदम है, परिणामस्वरूप पूरे बाज़ार को अपूरणीय क्षति हुई है.
बता दें कि गूगल ने शुक्रवार को भारतीय स्टार्टअप कंपनियों के 140 से अधिक एप प्ले स्टोर से हटा दिए थे. अब इनमें करोड़ों यूजर्स संख्या वाले भारत मैट्रीमनी, नौकरी, 99 एकड़, बालाजी टेलिफिल्म्स, कुकू एफएम मौजूद था. गूगल का आरोप था कि इन कंपनियों ने उसकी सेवा शुल्क संबंधित नीतियों का उल्लंघन किया है, और वो अपने यूजर्स को एप के द्वारा सेवाओं और खरीद के लिए वैकल्पिक माध्यम से हुए भुगतान का सेवा शुल्क चुकाने की नीति नहीं मान रहीं. शनिवार को कुछ एप प्ले स्टोर पर वापस आ गए थे. बताया गया कि उन्होंने गूगल से बाहर किए भुगतान के लिए भी गूगल को 11 से 25 फीसदी सेवा शुल्क चुकाने की रजामंदी दी थी.
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