नई दिल्ली: ईरान से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. ईरान के उप स्वास्थ्य मंत्री यूनुस पनाही ने बीते रविवार को कहा कि कुछ लोग लड़कियों की शिक्षा को बंद करने के उद्देश्य से पवित्र शहर क़ोम में स्कूली छात्राओं को ज़हर दे रहे हैं. उप स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट रूप से […]
नई दिल्ली: ईरान से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. ईरान के उप स्वास्थ्य मंत्री यूनुस पनाही ने बीते रविवार को कहा कि कुछ लोग लड़कियों की शिक्षा को बंद करने के उद्देश्य से पवित्र शहर क़ोम में स्कूली छात्राओं को ज़हर दे रहे हैं. उप स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट रूप से पुष्टि की है कि जहर जानबूझकर दिया गया था. ईरान के उप स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लड़कियों को जहर देने के मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक क़ोम के स्कूलों में कई छात्राओं को जहर दिए जाने के बाद यह पता चला कि कुछ लोग चाहते थे कि लड़कियों के स्कूलों को बंद कर दिया जाए. जहर देने वाले मामले पर अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. रिपोर्ट के अनुसार 14 फरवरी को बीमार छात्रों के माता-पिता अधिकारियों से स्पष्टीकरण की मांग करने के लिए शहर के गवर्नर दफ्तर के सामने धरना दिए थे।
इसा घटना के अगले दिन सरकार के प्रवक्ता अली बहादोरी जहरोमी ने बताया कि खुफिया और शिक्षा मंत्रालय प्वाइजनिंग के कारणों का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं. पिछले हफ्ते अभियोजक जनरल मोहम्मद जाफर मोंटाज़ेरी ने जहर देने वाले मामले पर न्यायिक जांच का आदेश दिया है. बीते साल महसा अमिनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद से ईरान में हिंसक प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
ईरान के हिजाब मामले में 22 वर्षीय कुर्द महसा अमिनी को हिरासत में लेने के बाद 16 दिसंबर को उसकी मौत हो गई थी, तब से हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. हिंसक प्रदर्शनों में अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है।
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