जर्मनी के लिम्बर्ग एन डेर लाहन शहर में कबूतरों को मारने का आदेश दिया गया है. कबूतरों को मारने से पहले शहर के लोगों से वोटिंग कराई गई थी कि कबूतरों को मारना चाहिए या नही. वोटिंग में ज्यादातर लोगों ने कबूतरों को मारने के पक्ष में वोट किया है. जिससे अब शहर के लगभग 700 कबूतरों को दो साल में खत्म कर दिया जाएगा. लिम्बर्ग में ये कबूतर लोगों के लिए प्रतिदिन नई समस्याएं खड़ी कर देते हैं. खुले में रखे सामान को लेकर उड़ जाते हैं और बाद में उसे नष्ट कर देते हैं.
एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट कर रहे विरोध
लिम्बर्ग शहर में कबूतरों को मारने के पक्ष में वोटिंग करने के बाद, एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट कबूतरों को मारने के प्लान का विरोध कर रहे हैं. अब ये मुद्दा कोर्ट में पहुंच गया है. 20 जून को लिम्बर्ग के अधिकारियों ने कहा कि वे कबूतरों को मारने के पक्ष में लोगों के वोटिंग करने के बाद, अभी किसी फाइनल कदम नही उठा रहे हैं अभी इस पर और सोच-विचार के बाद कदम उठाया जाएगा. अभी कबूतरों को मारने के लिए कोई शेड्यूल तय नही किया गया है.
केेन्या सरकार ने 10 लाख कौवों को भी मारने का दिया था आदेश
हाल ही में केन्या की सरकार ने अपने देश में 10 लाख भारतीय ब्रीड के कौवों को मारने का आदेश दिया था. सरकार ने इन कौवों को मारने की वजह बताते हुए कहा था कि, कौवे पिछले कई सालों से उनकी नेचुरल ढ़ांचे से छेड़छाड़ कर रहे हैं. वे छोटे जीवों के अंडे और चूजों को खा जाते हैं. यहां तक की देश में आने वाले टूरिस्टों का खाना लेकर उड़ जाते है, जिससे देश में अब पर्यटकों की भी संख्या में कमी आ रही है. इसका हमारी अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है.