पृथ्वी पर 4200 साल पहले के विशिष्ट काल पर शोध कर रहे भूवैज्ञानिकों ने इसे 'मेघालयी युग' के नाम से परिभाषित किया है. भूवैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की अंतरराष्ट्रीय टीम को उत्तर-पूर्वी भारतीय राज्य मेघालय स्थित एक गुफा से मिले चूने के ढेर (स्टैलैग्माइट) से इस शोध में काफी मदद मिली.
नई दिल्लीः भूवैज्ञानिकों ने 4,200 साल पहले पृथ्वी के विशिष्ट काल को परिभाषित करते हुए नया नाम दिया है. वह इसे ‘मेघालयी युग’ कह रहे हैं. भूवैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने उत्तर-पूर्वी भारतीय राज्य मेघालय की मॉमलुह नामक गुफा में फर्श पर जमा हुए चूने के ढेर (जिसे स्टैलैग्माइट कहा जाता है) को जमा किया, जिससे इस काल के बारे में जानने में टीम को काफी मदद मिली.
धरती के इतिहास में ‘मेघालयी युग’ का नया चैप्टर जुड़ने से इस शोध टीम में रहे वैज्ञानिक भी काफी उत्साहित हैं. मेघालय की मॉमलुह गुफा की छत से टपक से फर्श पर जमा हुए चूने के ढेर अथवा स्टैलैग्माइट को जमा किया. इसकी मदद से वैज्ञानिक 4200 साल पहले धरती पर घटी घटना के बारे में पता लगा पाए. इसने धरती के इतिहास में घटी सबसे छोटी जलवायु घटना माना रहा है.
भूवैज्ञानिकों को शोध के दौरान पता चला कि आज से 4200 साल पहले शुरू हुई इस घटना के दौरान अचानक दुनियाभर में भयंकर सूखा पड़ा था. धरती के तापमान में काफी ज्यादा गिरावट दर्ज की गई थी. कई सभ्यताओं को इससे नुकसान पहुंचा. मानवों पर ही नहीं बल्कि जानवरों, पेड़-पौधों पर इसके परिणाम देखने को मिले. इस घटना से जुड़े सुबूत सातों महाद्वीपों पर मिले हैं.
https://twitter.com/AmelBarich/status/1018065163151462400
इस विषय पर कई वर्षों से शोध चल रही है. ताजा नतीजों के आधार पर मेघालयी युग के तीन चरणों, पहला- लेट होलोसीन मेघालयी युग, मिडल होलोसीन नॉर्थग्रिपियन युग और अर्ली होलोसीन ग्रीनलैंडियन युग को भूवैज्ञानिक समय-मान की सबसे हालिया इकाई के तौर पर प्रमाणित कर रहे हैं. एक अंग्रेजी टीवी चैनल के मुताबिक, जिस वर्तमान युग में हम रहे हैं उसे होलोसीन इपॉक के नाम से जाना जाता है.
Yes. We are now officially living in the #Meghalayan Stage of the Holocene following ratification of the #Holocene subdivisions. https://t.co/Mrb79Xsool
— IUGS (@theIUGS) July 18, 2018
होलोसीन इपॉक हमें पिछले 11,700 वर्षों में हिम युग से लेकर वर्तमान तक से जुड़ी हर एक जानकारी देता है. इंटरनेशनल कमीशन ऑन स्ट्रैटिग्राफी (ICS) के अनुसार, होलोसीन खुद अपने आप में विभाजित हो गया था. उन्होंने बताया कि तीन भागों में विभाजित होलोसीन इपॉक को अपर, मिडिल और लोअर फेज कहकर संबोधित किया गया. इन तीनों चरणों में जलवायु परिवर्तन की कई घटनाएं देखी गईं.
Correction: #Greenlandian (11,700 yr b2k) #Northgrippian (8326 yr b2k) #Meghalayan (4200 yr b2k) – The Meghalayan extends to the present not to 1950.
— IUGS (@theIUGS) July 18, 2018
मेघालयी युग इनमें घटी सबसे हालिया घटना है. इसने दो शताब्दियों तक सभ्यताओं को प्रभावित किया. इससे मिस्र, ग्रीस, सीरिया, यूनान, फिलीस्तीन, मेसोपोटामिया, सिंधु घाटी और यांग्त्से नदी घाटी में मनुष्यों का प्रवासन हुआ. होलोसीन के सबसे पुराने दौर को हिमयुग के अंत के तौर पर समझा जाता है. इसे ग्रीनलैंडियन के तौर पर जाना जाता है.
तो एक दिन हमेशा के लिए डूब जाएगा सूरज, धरती को निगल लेगा अंधेरा
https://youtu.be/OJrvAWSyx6o