लंदन. विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज को ब्रिटेन पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया है. असांज लंदन में स्थित इक्वाडोर के दूतावास में 2012 से शरण लिए हुए थे. खबरों के मुताबिक 7 साल पुराने एक मामले में लंदन की वेस्टमिनस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने असांज के खिलाफ वारंट जारी किया था. जिसके बाद से वे इक्वाडोर के दूतावास में थे और कोर्ट में पेश नहीं हुए. इक्वाडोर ने जूलियन असांज की शरण हटा दी है, जिसके बाद लंदन की मेट्रोपॉलिटन पुलिस सर्विस ने उन्हें गिरफ्तार कर अपनी हिरासत में ले लिया है. असांजे ने विकीलीक्स की स्थापना कर अमेरिका समेत कई देशों की सरकार के खिलाफ बड़े खुलासे किए हैं. आइए जानते हैं कि एक कम्प्यूटर हैकर से लेकर विकीलीक्स की स्थापना करने और उसके बाद शरणार्थी बन जूलियन असांज के गिरफ्तार होने तक का पूरा सफर.
कौन है जूलियन असांज-
जूलियन असांज एक ऑस्ट्रेलियन कंप्यूटर प्रोग्रामर हैं. बचपन से ही उन्हें हैकिंग का बड़ा शौक था. 1991 में असांज ने कनाडा की एक टेलीकॉम कंपनी के सिस्टम को हैक कर लिया. इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने उनके घर पर छापा मारा और उन पर भारी जुर्माना लगाया. इसके बाद जूलियन असांज ने नेटवर्क प्रोग्रामिंग का काम शुरू किया. उस दौरान उन्होंने विक्टोरिया पुलिस की बाल संरक्षण यूनिट के तकनीकी सहायक के तौर पर काम किया. करीब एक दशक तक जूलियन असांज ने कई प्रोग्रामिंग पर काम करते रहे.
जूलियन असांज का विकीलीक्स से लेकर गिरफ्तारी तक का सफर-
2006 में जूलियन असांज ने विकीलीक्स की स्थापना की. विकीलीक्स के जरिए असांज ने कई बड़े खुलासे किए और पूरी दुनिया की नजरों में आ गए. 2010 में विकीलीक्स ने एक पूर्व अमरीकी सैनिक और अमरीकन एक्टिविस्ट चेलसा एलिजाबेथ की मदद से यूएस आर्मी के इराक में चले ऑपरेशन के कुछ दर्दनाक वीडियो और दस्तावेज लिए और कई अमरीकी सेना और सरकार के खिलाफ कई बड़े खुलासे किए.
इसके बाद अमरीकी सरकार ने विकीलीक्स के खिलाफ एक अपराधिक मुकदमा चलाया और अन्य देशों से भी इस पर मदद मांगी. नवंबर 2010 में स्वीडन ने जूलियन असांज पर यौन उत्पीड़न और बलात्कार का आरोप लगाते हुए उनकी गिरफ्तारी का अंतरराष्ट्रीय वारंट जारी कर दिया. हालांकि असांज ने इससे इनकार कर दिया और इसके पीछे अमरीका और स्वीडन की साजिश बताया.
दिसंबर 2010 में जूलियन असांज ने ब्रिटिश पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया, 10 दिन के भीतर ही उन्हें जमानत भी मिल गई. इसके बाद कोर्ट में वे पेशी के लिए कभी नहीं गए और भगोड़ा करार कर दिए गए. अगस्त 2012 में इक्वाडोर ने जूलियन असांज को शरण दे दी और तब से लेकर गुरुवार को हुई उनकी गिरफ्तारी तक वे लंदन स्थित इक्वाडोर दूतावास में ही शरण लिए हुए हैं. 2017 में उन्होंने इक्वाडोर की नागरिता भी ले ली थी. सितंबर 2018 में जूलियन असांज ने विकीलीक्स के संपादक पद से इस्तीफा दे दिया. इक्वाडोर में शरणार्थी के रूप में रहते हुए जूलियन असांज ने अपने खुलासे भी जारी रखे. 2016 में अमरीका की डेमोक्रेटिक पार्टी ने जूलियन असांज पर रूस के माध्यम से हिलेरी क्लिंटन के ईमेल हैक करना का आरोप लगाया था.
हाल ही में विकीलीक्स ने इक्वाडोर के राष्ट्रपति लेनिन मोरेनो पर जूलियन असांज को अमरीका को बेचने का आरोप लगाया है. विकीलीक्स के मुताबिक इक्वाडोर ने यूएस से कर्ज ले रखा है और मोरेनो इसके बदले असांज को बेचने की जुगत में लगे हुए हैं. साथ ही खुलासा किया कि इक्वाडोर की संसद राष्ट्रपति मोरेनो के खिलाफ आईएनए पेपर लीक्स मामले में भ्रष्टाचार की जांच करेगी. फरवरी 2019 में स्पेन के एक अखबार ने एक रिपोर्ट पब्लिश की थी, जिसमें इक्वाडोर के प्रधानंमत्री लेनिन मोरेनो और उनके परिवार पर आईएनए इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन नाम से फर्जी कंपनिया बनाकर महंगे सौदे करने और खुद को बड़ा फायदा पहुंचाने के आरोप लगाए थे. इसके बाद एक मार्च को आईएनए पेपर्स नाम की वेबसाइट ने विस्तृत में खुलासा करते हुए मोरेनो पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए.
Who is Julian Assange: आखिर कौन है जूलियन असांज और क्या है विकीलीक्स, यहां जानें
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