नई दिल्ली: बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार का तख्तापलट वहां के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लिए किसी बुरे सपने की तरह बन गया है. आरक्षण के विरोध में शुरू हुए छात्र आंदोलन ने प्रधानमंत्री हसीना को सत्ता से तो उखाड़ फेंक दिया लेकिन अब यह अल्पसंख्यक विरोधी आंदोलन बन गया है.
अब इस आंदोलन की कमान छात्रों की जगह इस्लामिक कट्टरपंथियों के हाथ में आ गई है. इस्लामी कट्टरपंथी पूरे देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं. उनके घर जला रहे हैं, उनकी दुकानों को लूट रहे हैं. उनकी निर्मम तरीके से हत्या कर रहे हैं और फिर जश्न मना रहे हैं.
इस बीच एक आतंकी सोच वाले मौलाना ने बांग्लादेश से हिंदुओं का सफाया करने की अपील की है. अबू नज्म फर्नांडो बिन अल-इस्कंदर नाम का ये मौलाना खुद को इस्लामिक विद्वान बताता है. उसने हिंदुओं पर कहर ढा रहे इस्लामिक कट्टरपंथियों से अपील की है कि बांग्लादेश को सनातनी धर्मियों से मुक्त कर दो.
मौलाना अल-इस्कंदर ने कहा है कि अब बांग्लादेशी हिंदुओं के पास दो ही विकल्प हैं. या तो वे मौत को गले लगा लें, या फिर इस्लाम धर्म को कबूल कर ले. मौलाना ने अपनी बात को तार्किक बनाने के लिए इस्लामी कानून का भी हवाला दिया है. उसने कहा कि अहले सुन्ना इस्लामी कानून की चार में तीन विचारधाराएं ये कहती हैं कि अब हिंदुओं के पास सिर्फ दो विकल्प हैं. पहली तलवार और दूसरी वे इस्लाम अपनाएं.
इसके अलावा मौलाना ने हिंदुओं को मुस्लिमों से कमतर बताते हुए कहा कि उन्हें (हिंदू) अपना आधा सिर मुंडवा लेना चाहिए, जिससे उनकी पहचान हो सके. साथ ही उन्हें देवी-देवताओं की पूजा करना छोड़ देना चाहिए और मुस्लिमों के नीच रहना स्वीकार कर लेना चाहिए. बता दें कि मौलाना की धमकी से भारत में हिंदू भड़क गए हैं. उन्होंने भारत सरकार से बांग्लादेश में सेना भेजकर हिंदुओं की रक्षा करने की अपील की है.
Bangladeshi Hindu: बलात्कार, हत्या, आगजनी.. बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर 200 से ज्यादा हमले