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Pakistan: गैर-इस्लामिक शादी के मामले में कोर्ट ने इमरान को भेजा समन, जानें क्या है मामला?

नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को राहत मिलती नहीं दिख रही है. पहले से ही जेल में सजा काट रहे इमरान खान को इस्लामाबाद की स्थानीय अदालत ने तलब किया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अदालत ने पूर्व पीएम इमरान खान को कथित तौर पर बुशरा बीबी के साथ गैर इस्लामी विवाह […]

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Pakistan: गैर-इस्लामिक शादी के मामले में कोर्ट ने इमरान को भेजा समन, जानें क्या है मामला?
  • September 22, 2023 11:28 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को राहत मिलती नहीं दिख रही है. पहले से ही जेल में सजा काट रहे इमरान खान को इस्लामाबाद की स्थानीय अदालत ने तलब किया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अदालत ने पूर्व पीएम इमरान खान को कथित तौर पर बुशरा बीबी के साथ गैर इस्लामी विवाह के मामले में समन भेजा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस्लामाबाद कोर्ट के सिविल जज कुदरतुल्लाह ने अटक जेल अधीक्षक से इमरान खान को 25 सितंबर को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है.

क्या है मामला?

पहले से ही पाकिस्तान की अटक जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई प्रमुख इमरान खान की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. अब इमरान खान को इस्लामाबाद की स्थानीय अदालत ने समन भेजा है. दरअसल ये मामला उनकी शादी से संबंधित है. बता दें कि इसी साल के जुलाई महीने में इमरान खान ने अपनी पत्नी और अपने खिलाफ अदालत में दायर की गई एक याचिका को चुनौती दी थी. इस याचिका में कहा गया था कि इमरान खान ने अपनी पत्नी के इद्दत के दौरान तीसरी शादी की थी. रिपोर्ट के अनुसार इस्लामाबाद के न्यायिक मजिस्ट्रेट कुदरतुल्लाह ने 18 जुलाई को 9 पन्नों का फैसला जारी किया था. जिसमें उन्होंने इमरान खान के अवैध निकाह की याचिका को स्वीकार किया था.

क्या होता है इद्दत जिसकी वजह से फंस गए हैं इमरान ?

इमरान खान अगस्त महीने से ही पाकिस्तान की अटक जेल में बंद हैं. दरअसल इमरान को उनके लाहौर वाले आवास जमन पाक से 5 अगस्त को हिरासत में लिया गया था. तब से इमरान खान तोशाखाना मामले में जेल अटक जेल में बंद हैं. इसी बीच उन पर एक नया आरोप लगाया गया है जिसमें कहा गया है कि इमरान खान ने अपनी तीसरी पत्नी बुशरा बीबी से इद्दत के दौरान निकाह किया है. बता दें कि इद्दत एक इस्लामिक शब्द है. जिसमें महिला को अपने पति से तलाक लेने या उसके मरने के बाद दूसरी शादी करने से पहले इंतजार की एक समय-सीमा निर्धारित होती है.

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