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पाकिस्तान : इन कारणों से इमरान खान के खिलाफ चलाया जा सकता है देशद्रोह का मुकदमा

नई दिल्ली। सत्ता गंवा चुके पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर देशद्रोह का आरोप लग सकता है. इमरान ने अपने विरोधियों से लड़ने में जिन संविधान के प्रावधानों की अनदेखी की, वह अब देशद्रोह के मामले में उन […]

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पाकिस्तान : इन कारणों से इमरान खान के खिलाफ चलाया जा सकता है देशद्रोह का मुकदमा
  • April 14, 2022 5:44 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली। सत्ता गंवा चुके पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर देशद्रोह का आरोप लग सकता है. इमरान ने अपने विरोधियों से लड़ने में जिन संविधान के प्रावधानों की अनदेखी की, वह अब देशद्रोह के मामले में उन पर लगे आरोपों की वजह बन सकते हैं. गौरतलब है कि हाल ही में शाहबाज शरीफ ने कहा था कि विरोधियों के खिलाफ कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की जाएगी.

इमरान के लिए ये है राहत की बात

इस्लाम खबर की रिपोर्ट के मुताबिक, सत्ता के आखिरी पखवाड़े के दौरान इमरान खान ने कथित तौर पर विरोधियों को कुचलने के प्रयासों के साथ-साथ संवैधानिक प्रावधानों की अनदेखी की. इसके बजाय, इमरान को देशद्रोह के नए आरोपों और संभावित मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि इमरान खान के लिए राहत की बात यह है कि इस्लामाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अतहर मिनाल्लाह ने इनमें से एक याचिका को खारिज कर दिया है.

नहीं टला है अभी खतरा

फिर भी इमरान के लिए खतरा टला नहीं है, क्योंकि अन्य याचिकाओं पर फैसले अभी भी अदालतों में लंबित हैं. संविधान का अनुच्छेद 5(1) जिसके आधार पर खान के खिलाफ याचिकाएं दायर की गई हैं. इस अनुच्छेद के तहत देश के प्रति निष्ठा और संविधान का पालन करना प्रत्येक नागरिक का अनिवार्य दायित्व है. मालूम हो कि इमरान ने अविश्वास प्रस्ताव को रोकने की काफी कोशिश की थी, लेकिन फिर भी नाकाम रहे.

विदेशी ताकतों को बताया साजिश

सत्ता से बेदखल होने के बाद इमरान खान ने आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया था. वहीं इमरान ने अपनी सरकार गिराने के पीछे विदेशी साजिश का हाथ बताया था. याचिकाओं में अनुच्छेद 6 का भी हवाला दिया गया है. इस कानून के तहत, यदि कोई व्यक्ति जो शक्ति या बल के दम पर संविधान की अवहेलना करने का प्रयास करता है, तो उसे उच्च राजद्रोह का दोषी माना जाएगा. इस तरह इमरान खान के साथ-साथ उन सभी लोगों को भी इन आरोपों में फंसाया जा सकता है, जिन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान संसदीय व्यवस्था की अनदेखी की थी.

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