नई दिल्ली: एक बार फिर चिली के जंगलों में लगी भीषण आग में 24 लोगों की मौत हो गई। आग लगने के बाद कई देशों से अंतरराष्ट्रीय सहायता भी पहुँचने लगी। इसे चिली की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा माना जाता है। 10 से 12 की तादाद में दमकलकर्मियों ने आग बुझाने की कोशिश की। आधिकारिक […]
नई दिल्ली: एक बार फिर चिली के जंगलों में लगी भीषण आग में 24 लोगों की मौत हो गई। आग लगने के बाद कई देशों से अंतरराष्ट्रीय सहायता भी पहुँचने लगी। इसे चिली की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा माना जाता है। 10 से 12 की तादाद में दमकलकर्मियों ने आग बुझाने की कोशिश की। आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, आग ने लगभग 40,000 हेक्टेयर जंगल को राख कर दिया है। जो अमेरिका के शहर फिलाडेल्फिया से भी बड़ा है।
चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक ने जंगल में लगी आग के बाद राहत कार्य तेज कर दिए हैं। सरकार ने आपातकालीन घोषणाएँ जारी कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का काम भी शुरू कर दिया है। राष्ट्रपति बोरिक ने घोषणा की कि देशवासियों को घबराना नहीं चाहिए। सरकार सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है। करीब 1500 लोगों को शेल्टर होम में भेजा गया है। 970 गंभीर रूप से घायलों में से 26 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
चिली के जंगल में आग लगने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी यहाँ कई बार भीषण आग लग चुकी है। पिछले साल दिसंबर में भी यहाँ भीषण आग लगी थी, जिसमें 67 लोग झुलस गए थे। साल 2022 में इसी मार्च महीने में यहाँ 700 हेक्टेयर जमीन पर भीषण आग लग गई थी। जिसमें काफी जान-माल नुकसान हुआ था। वैसे तो चिली के जंगल में जुलाई 2016 से आग लग रही है। फिर, केवल एक वर्ष में, चिली के जंगल में आग लगने की 3,000 घटनाएँ दर्ज की गईं, जिससे 6,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए। 2023 तक, यहाँ बहुत सारे छोटे और बड़े आग दुर्घटनाएँ हुई हैं। हालांकि, आग को भी बीच में नियंत्रित किया जाता है। लेकिन भीषण गर्मी के कारण आग बार-बार खुद ही लगती रहती है।
आपको बता दें जब से चिली के जंगलों में आग लगी है, आग की लपटों ने 270,000 हेक्टेयर से अधिक के विशाल क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया है। भीषण आग की वजह से यहाँ के आसपास का तापमान बढ़ गया है। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में तापमान 104 डिग्री फ़ारेनहाइट तक बढ़ गया। लोग गर्मी से परेशान हैं। इस गर्मी की वजह से यहाँ के जंगलों में बार-बार आग लगने की घटनाएँ होती रहती हैं। जानकारों की माने तो जब तक यहाँ मौसम नहीं बदलेगा तब तक आग लगने के आसार बने रहेंगे।
चिली के आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि आग पूरे जंगल में लगभग 260 छोटे और बड़े स्थानों पर सक्रिय थी। जिनमें से 28 विशेष रूप से खतरनाक हैं। चिली सरकार ने आग बुझाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद मांगी है। हालांकि ब्राजील, कोलंबिया, इक्वाडोर, पैराग्वे, पेरू, पुर्तगाल और वेनेजुएला जैसे देश चिली को सहायता प्रदान कर रहे हैं, फिर भी आग बुझी नहीं है।
चिली के दमकल अधिकारियों का कहना है कि आग पर काबू पाने के लिए 36,000 लीटर अग्निशमन सामग्री की क्षमता वाले दस टैंक ट्रकों की जरूरत है। इस बीच चिली के विदेश मंत्रालय के मुताबिक अर्जेंटीना से एक विशेष टीम भी यहाँ पर आ चुकी है।