Rishi Sunak: नई दिल्ली। भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे। सोमवार को उन्हें कंजर्वेटिव पार्टी का नेता चुना गया। दामाद ऋषि के प्रधानमंत्री बनने पर इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा है कि हमें ऋषि पर गर्व है और हम उनकी सफलता की कामना करते […]
नई दिल्ली। भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे। सोमवार को उन्हें कंजर्वेटिव पार्टी का नेता चुना गया। दामाद ऋषि के प्रधानमंत्री बनने पर इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा है कि हमें ऋषि पर गर्व है और हम उनकी सफलता की कामना करते हैं।
नारायण मूर्ति ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए ऋषि सुनक को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि हमें ऋषि पर गर्व है और हम उनकी सफलता की कामना करते हैं। मूर्ति ने आगे कहा कि हमें विश्वास है कि वह ब्रिटेन की जनता के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे।
बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री पद के लिए ऋषि सुनक की प्रतिद्वंदी पेनी मॉर्डंट ने सोमवार का पीएम पद की रेस से अपना नाम वापस ले लिया, जिसके बाद सुनक को सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी का निर्विरोध नेता चुना गया। बता दें कि ब्रिटेन के वित्त मंत्री रहे 42 वर्षीय सुनक को कंजरवेटिव पार्टी के 357 सांसदों में से 200 से अधिक सांसदों का समर्थन मिला। उन्हें जीत के लिए सिर्फ 100 सांसदों के समर्थन की जरूरत थी।
साल 2015 में ऋषि सुनक पहली बार सांसद बने थे। वह रिचमॉन्ड, यॉर्कशायर से सांसद चुने गए थे। इसके बाद साल 2020 में सुनक जॉनसन कैबिनेट में मंत्री बने। बोरिस जॉनसन ने जब प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया तब सांसदों के समर्थन की वजह से माना जा रहा था कि सुनक अगले पीएम बनेंगे। लेकिन जुलाई 2022 में वह प्रधानमंत्री पद की रेस में लिज ट्रस से हार गए थे।
हालांकि बाद में जब ट्रस ने 45 दिन के अंदर की अपने पद से इस्तीफा दे दिया तो सुनक का रास्ता साफ हो गया। ऋषि सुनक अब ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। बता दें कि सुनक ने इंफोसिस कंपनी संस्थापक नारायणमूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ती से शादी की है। दोनों की शादी 2009 में हुई थी। ऋषि और अक्षता की दो बेटियां हैं, जिनका नाम अनुष्का और कृष्णा हैं।
ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री ऋषि सुनक हिंदू हैं। वह भगवान कृष्ण के भक्त हैं। जब सुनक ब्रिटिश संसद यानि हाऊस ऑफ कामंस के सदस्य बने थे, तब उन्होंने सांसद पद की शपथ भगवत गीता से ली थी। ऋषि एक इंटरव्यू में कह चुके हैं कि भगवत गीता हमेशा उन्हें तनावपूर्ण परिस्थितियों से बचाती है और कर्तव्य पर डटे रहने की याद दिलाती है।
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