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फेसबुक ने माना- 8 करोड़ 70 लाख यूजर्स का डेटा कैंब्रिज एनालिटिका से शेयर किया, 5.6 लाख भारतीय भी शामिल

डेटा लीक की खबरों पर फेसबुक ने माना है कि फेसबुक के 8 करोड़ 70 लाख यूजर्स के निजी डेटा में सेंधमारी की गई, जिनमें 5.6 लाख भारतीय भी शामिल हैं. फेसबुक का दावा है कि पॉलिटिकल कंसल्टेंसी कैंब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक के 8 करोड़ 70 लाख यूजर्स के निजी डेटा में सेंध लगाई. इनमें से ज्यादातर यूजर्स अमेरिका के हैं. फेसबुक के इस आधिकारिक बयान के बाद कंपनी के मुख्य कार्यकारी मार्क जकरबर्ग की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

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Facebook Cambridge Analytica data leak case
  • April 5, 2018 11:59 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

वॉशिंगटनः डेटा लीक विवाद पर फेसबुक की ओर से बड़ा बयान आया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फेसबुक का दावा है कि पॉलिटिकल कंसल्टेंसी कैंब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक के 8 करोड़ 70 लाख यूजर्स के निजी डेटा में सेंध लगाई. फेसबुक ने बुधवार को इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि कैंब्रिज एनालिटिका के साथ करीब 8 करोड़ 70 लाख यूजर्स की निजी जानकारी को अनुचित ढंग से साझा किया गया, जिसमें से ज्यादातर अमेरिका से ताल्लुक रखते हैं. वहीं इसमें करीब 5.6 लाख भारतीयों का डेटा भी शामिल है.

डेटा लीक की खबरों के बाद यह माना जा रहा था कि करीब 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स के डेटा में सेंधमारी की गई लेकिन अब फेसबुक ने खुद इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि यह आंकड़ा 5 करोड़ से कहीं ज्यादा है. फेसबुक के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर माइक स्क्रोफर ने एक ब्लॉग पोस्ट लिखकर ये जानकारी सार्वजनिक की है. उन्होंने कहा कि फेसबुक का मानना है कि अमेरिका के बाद फिलीपींस, इंडोनेशिया, यूनाइटेड किंगडम (यूके), मेक्सिको, कनाडा और फिर भारतीय फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारी में सेंधमारी की गई.

गौरतलब है कि इस खुलासे से फेसबुक के लिए संकट बढ़ सकता है. फेसबुक पहले से ही डोनाल्ड ट्रंप के 2016 के चुनावी अभियान के लिए काम कर रहे सलाहकारी समूह द्वारा निजी डेटा हैकिंग पर खुलासे के दबाव का सामना कर रहा है. फेसबुक इस मामले में जांच का सामना कर रहा है. फेसबुक के मुख्य कार्यकारी मार्क जकरबर्ग मामले पर 11 अप्रैल को संसदीय समिति के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखेंगे.

स्क्रोफर ने कहा कि आगामी सोमवार से नए टूल्स से यूजर्स को प्राइवेसी और डेटा साझा करने की बेहतर समझ मिलेगी. फेसबुक ने इस मामले में अलग से बयान जारी कर कहा कि नई सेवा शर्तों से डेटा साझा करने और विज्ञापन किस तरह पहुचंते है, इसके बारे में तस्वीर साफ हो जाएगी. इन बदलावों से बाहरी व्यक्ति को किसी भी यूजर का डेटा पहुंचना मुश्किल हो जाएगा.

स्क्रोफर ने बताया कि एक बदलाव ऐसा किया गया है जिससे फेसबुक सर्च के साथ किसी के एकदम सही लोकेशन का पता लगाने के लिए उसका फोन नंबर या ईमेल एड्रेस एंटर नहीं किया जा सकेगा. आरोपों पर घिरे फेसबुक के मालिक मार्क जकरबर्ग ने कहा कि वह चाहते हैं कि समस्याएं तीन या छह महीने में सुलझ जाएं, पर कुछ सवालों के जवाब जानने में लंबा वक्त लग सकता है. बताते चलें कि इस मामले में भारत सरकार ने फेसबुक और कैंब्रिज एनालिटिका से 7 अप्रैल तक जानकारी मांगी है कि क्या भारतीय फेसबुक यूजर्स के डेटा का भी दुरुपयोग किया गया है.

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