फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने एक पोस्ट किया है कि अब कोई भी राजनीतिक विज्ञापन से पहले उसका वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा साथ ही विज्ञापन देने वाले को अपनी लोकेशन और पहचान कन्फर्म करना जरूरी होगा. अगर कोई भी इन शर्तों को पूरा नहीं करता है तो उसका विज्ञापन फेसबुक पर नहीं दिखाया जाएगा.
न्यू यॉर्कः डेटा लीक जैसे गंभीर आरोपों से घिरने के बाद फेसबुक अब एक्शन मोड में दिखाई दे रहा है. फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने कहा कि अब राजनीतिक विज्ञापन के लिए पहले वेरिफिकेशन कराना होगा. साथ ही राजनीतिक पार्टियों के पेज का भी वेरीफिकेश जरूरी हो जाएगा. जकरबर्ग ने फेसबुक पोस्ट के जरिए यह जानकारी साझा की.
उन्होंने लिखा कि, अमेरिका, मैक्सिको, ब्राजील, भारत और पाकिस्तान सहित कई देशों में अगले साल चुनाव होने हैं जिसको मद्देनजर रखते हुए हमारा प्रयास रहेगा कि हम सकारात्मक माहौल बना पाएं और उनमें हस्तक्षेप न करें. साल 2016 में अमेरिका में हुए चुनावों में रूस के हस्तक्षेप के बारे में पता लगने के बाद हमने 2017 में नए टूल्स लगाए और कई फर्जी अकाउंट बंद कर दिए.
जकरबर्ग ने आगे लिखा कि जो भी विज्ञापनदाता अब राजनीतिक विज्ञापन देना चाहता है, उसे पहले वेरिफिकेशन कराना होगा और साथ ही इसके लिए ऐडवर्टाइजर को अपनी लोकेशन और पहचान कन्फर्म करनी होगी. अगर कोई भी इन शर्तों को पूरा करने में असफल होता है तो उनका विज्ञापन फेसबुक पर नहीं दिखाया जाएगा. इसके अलावा विज्ञापनों को पैसा देने वाली संस्था का नाम भी उस पर पोस्ट किया जाएगा. जकरबर्ग ने बताया कि विज्ञापनों में और ज्यादा पारदर्शिता लाने के लिए ऐसा टूल लगाया जाएगा, जिसके चलते कोई भी उन राजनीतिक विज्ञापनों को देख सकता है, जो पेज पर चल रहे हैं.
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