इजरायल का सुरक्षा कवच भी नहीं रोक पाया हमला, जानें कैसे हथियार इस्तेमाल कर रहा हमास

नई दिल्ली : इजरायल का सबसे ताकतवर एयर डिफेंस सिस्टम आयरयन डोम ऐसी तकनीक है जो हवा में आते दुश्मन के मिसाइल या रॉकेट को आसमान में ही उड़ा देता है। इसके बावजूद हमास ने 20 मिनट में 5 हजार रॉकेट दागे। इजरायल का यह सिस्टम हमास के हमले को रोकने में नाकाम रहा। इस […]

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इजरायल का सुरक्षा कवच भी नहीं रोक पाया हमला, जानें कैसे हथियार इस्तेमाल कर रहा हमास

Anil

  • October 9, 2023 6:10 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली : इजरायल का सबसे ताकतवर एयर डिफेंस सिस्टम आयरयन डोम ऐसी तकनीक है जो हवा में आते दुश्मन के मिसाइल या रॉकेट को आसमान में ही उड़ा देता है। इसके बावजूद हमास ने 20 मिनट में 5 हजार रॉकेट दागे। इजरायल का यह सिस्टम हमास के हमले को रोकने में नाकाम रहा। इस दौरान कुछ रॉकेट्स इजरायल में गिरे जिसमे 700 हजार से अधिक लोग मारे गए।

जानें क्या है आयरन डोम

बता दें, आयरन डोम एक तरह का मिसाइल सिस्टम है। जिनमें जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलें शामिल हैं। जैसे ही दुश्मन की मिसाइल, रॉकेट्स, ड्रोन दिखता है, ये तुरंत फायर हो जाता है। पूरे इजरायल में इस सिस्टम को लगाया गया है। इसकी रेंज 70 किलोमीटर है। इसके बावजूद हमास के रॉकेट्स,और आत्मघाती ड्रोन ने इजरायल में तबाही मचा दी।

दूरी के अनुसार हथियार

कम दूरी वाले रॉकेट्स
15 Km रेंज वाले 1000 सेल्फ प्रोपेल्ड रॉकेट
20 KM रेंज वाले 2500 स्मगलिंग करके मंगाए गए रॉकेट
20 Km रेंज वाले 200 रेंज वाले खुद से निर्मित किए गए रॉकेट

माध्यम दूरी वाले रॉकेट्स

  • 45 km रेंज वाले सेल्फ प्रोपेल्ड 200 आधुनिक ग्रैड रॉकेट और इसी रेंज के 1000 रॉकेट स्मगलिंग करके मंगाए
  • 80 Km रेंज वाले 400 खुद से बनाए रॉकेट्स। इन रॉकेट्स के कई प्रकार हैं। इनकी वार करने की क्षमता भी अलग- अलग हैं।

लम्बी दूरी तक वार करने वाले रॉकेट्स

  • वहीं 100 से 200 KM के दर्जनों लॉन्स रॉकेट्स हमास के पास है।

इजरायल को हमास से खतरा

हमास के पास इस तरह के रॉकेट्स है, जिससे इजरायल को बहुत खतरा है। जैसे R-160 रेंज वाले रॉकेट। यह पूरे देश में कही पर भी हमला कर सकते हैं और हमास के पास M-75 वाले रॉकेट भी हमास के पास है, जो 60 किलोग्राम हथियार एक स्थान से दूसरे ले जा सकता है।

इसके अलावा 45 किलोग्राम हथियार ले जाने वाले 48 किलोमीटर की रेंज वाले ग्रैंड रॉकेट्स भी हैं। वहीं सबसे कम दूरी के लिए 17.7 किलोमीटर के लिए QASSAM रॉकेट्स हैं। वहीं यह अपने साथ 9 किलोग्राम हथियार को एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकता है।

हमास लगातार बना रहा है हथियार

इजरायल को हराने के इरादे से हमास लगातार हथियारों का निर्माण कर रहा है। इसके पास जीपीएस गाइडेड ड्रोन्स और मिसाइलों की भरमार हैं। हमास इस दौरान रिसर्च कर रहा है और रोबोटिक गाड़िया भी बना रहा है। वहीं समुद्र के किनारे नौसेना में सुरंगे बनी हैं। जिनका इस्तेमाल छिपने और हथियारों को अंदर बाहर लाने में किया जाता है।

हमास ड्रोन खिलौने के साथ मंगवाता है ताकि किसी को भी शक ना हो। वहीं हमास के भारी मात्रा में अमोनियन क्लोराइड है, जिसका इस्तेमाल विस्फोटक बनाने में किया जाता है।

ड्रोन के जरिए आंतकियों की शहर में घुसपैठ

रॉकेट से ज्यादा बेहतर ड्रोन्स और ग्लाइडर पड़ते हैं। क्योंकि इनकों आयरन डोम पकड़ने में नाकाम रहते है। वहीं अगर रॉकेट कम है तो ड्रोन्स या ग्लाइड के जरिए ज्यादा सटीक हमला किया जा सकता है। इस हमास द्वारा इसी तरीके को अपनाया गया है। पहले इजरायल पर रॉकेट से वार किया और फिर मोटर ग्लाइड के जरिए आंतकियों को शहरो में उतारा और इसके बाद ड्रोन्स और जमीनी सेना द्वारा घुसपैठ की गई।

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