नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कट्टरपन को लेकर पाकिस्तान को तगड़ी फटकार लगाई है। उन्होंने शुक्रवार को संसद में कहा कि हम पड़ोसी देश की मानसिकता को नहीं बदल सकते हैं। उनकी सोच धर्मांधता और कट्टरपन वाली है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी पाकिस्तान की मानसिकता नहीं बदल पाईं थीं।
अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन से संबंधित मुद्दे को उठाते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि हम पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार पर बहुत करीबी नजर रख रहे हैं। उदाहरण के लिए, मैं सदन को बताना चाहूंगा कि अकेले फरवरी महीने में हिंदू समुदाय के खिलाफ अत्याचार के 10 मामले सामने आए हैं। उनमें से सात अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन से संबंधित मामले दो। दो अपहरण से संबंधित थे। एक होली मना रहे छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई से संबंधित था।
विदेश मंत्री ने अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा के मामलों का भी विस्तृत सदन में रखा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में सिख समुदाय से जुड़ी तीन घटनाएं हुईं। एक मामले में सिख परिवार पर हमला किया गया था, जबकि दूसरे मामले में एक सिख परिवार को पुराने गुरुद्वारे को फिर से खोलने पर धमकाया गया। समुदाय की एक लड़की के अपहरण और धर्म परिवर्तन का मामला भी सामने आया।
पाकिस्तान में अहमदिया और ईसाई समुदायों के खिलाफ अन्याय का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि ‘अहमदिया समुदाय से जुड़े दो मामले थे। एक मामले में मस्जिद को सील कर दिया गया और दूसरे में 40 कब्रों को अपवित्र किया गया। एक ऐसा मामला भी था जिसमें कथित तौर पर मानसिक रूप से अस्थिर एक ईसाई व्यक्ति पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया।