यूक्रेन : देश में सूखे की मार, सूखी नदियों से निकले द्वितीय विश्वयुद्ध के बम, जहाज…

नई दिल्ली : इस समय पूरा यूरोप भयानक सूखे और पानी की मार झेल रहा है. कई देशों की नदियों और झीलों का जल स्तर गिर रहा है यहां तक की नदियां सूखने लगी हैं. हैरान की बात ये है कि नदियों के सूखने से लंबे समय तक पानी में डूबे हुए खजाने और कुछ […]

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यूक्रेन : देश में सूखे की मार, सूखी नदियों से निकले द्वितीय विश्वयुद्ध के बम, जहाज…

Riya Kumari

  • August 24, 2022 4:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : इस समय पूरा यूरोप भयानक सूखे और पानी की मार झेल रहा है. कई देशों की नदियों और झीलों का जल स्तर गिर रहा है यहां तक की नदियां सूखने लगी हैं. हैरान की बात ये है कि नदियों के सूखने से लंबे समय तक पानी में डूबे हुए खजाने और कुछ अजीब चीजें अब सामने आने लगी हैं.

द्वितीय विश्वयुद्ध के बम

दशकों बाद यूरोप इतना भयानक सूखा झेल रहा है. इसके बाद स्पेन के पुरातत्वविदों को प्रागैतिहासिक पत्थरों से बना एक घेरा मिला है, जिसे ‘स्पैनिश स्टोनहेंज’ कहा जाता है. अभी तक यह पानी के अंदर छिपा हुआ था, जो नदियों के सूख जाने के बाद सामने आया है. आधिकारिक तौर पर इसे डोलमेन ऑफ़ ग्वाडलपेरल (Dolmen of Guadalperal) के रूप में जाना जाता है. फिलहाल यह पत्थर का घेरा कैसेरेस प्रांत के केंद्र में वाल्डेकानस रिज़रवॉयर के एक कोने में है. जो इस समय पूरी तरह से खुला हुआ है. अधिकारियों ने बताया कि यहां की नदियों का जल स्तर 28% तक गिर गया है.

साल 1926 में जर्मन पुरातत्वविद् ह्यूगो ओबरमायर (Hugo Obermaier) ने इस तरह की खोज की थी. लेकिन साल 1963 में फ्रांसिस्को फ्रेंको के शासन में, ग्रामीण विकास परियोजना की वजह से इस इलाके में बाढ़ आई तब से इसे केवल चार बार ही देखा गया था.

‘हंगर स्टोन्स’ दिखाई दिए

इतना ही नहीं. नदियों के सूख जाने से जर्मनी में राइन नदी के किनारे ‘हंगर स्टोन्स’ भी बाहर आ गया है. हाल ही में, जर्मनी की सबसे बड़ी नदी कहलाने वाली राइन नदी के किनारे पर ऐसे कई पत्थर दिखाई दिए. इन पत्थरों का दिखाई देना लोगों के लिए किसी बुरी चेतावनी की तरह है. इनपर लिखी तारीखों और बातों से पहले सूखा आने पर लोगों को कितनी तकलीफ हुई उसका ज़िक्र मिलता है. फ्रैंकफर्ट के दक्षिण में वर्म्स और लीवरकुसेन के पास रेनडॉर्फ में देखे गए पत्थरों पर लिखी गई तिथियों में साल 1947, 1959, 2003 और 2018 चिंहित हैं.

युद्धपोतों का पता लगा

यूरोप की बड़ी नदियों में से एक डेन्यूब, भी इस समय सूखे के कारण अपने सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई है. नदी सूखने के कारण प्राहोवो शहर के पास, सर्बिया के रिवर पोर्ट पर दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 20 से ज्यादा जर्मन युद्धपोतों के डूबने की बात सामने आई है. इसके अलावा पानी में सालों से डूबे 450 किलो के दो बम भी मिले हैं. बता दें, सूखे को देखते हुए इटली ने पो नदी के आसपास के इलाकों में आपातकाल की घोषित कर दिया है.

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