नई दिल्ली: कहा जाता है कि मेहनत की कमाई सबसे पवित्र होती है. अगर आपको बिना काम किये सालाना 1 करोड़ रुपये का पैकेज मिले और कहीं जाना भी नहीं पड़े तो आप क्या करेंगे. आइए जानते है क्या है मामला? कहा जाता है कि मेहनत की कमाई सबसे पवित्र होती है. अगर आपको बिना […]
नई दिल्ली: कहा जाता है कि मेहनत की कमाई सबसे पवित्र होती है. अगर आपको बिना काम किये सालाना 1 करोड़ रुपये का पैकेज मिले और कहीं जाना भी नहीं पड़े तो आप क्या करेंगे. आइए जानते है क्या है मामला?
कहा जाता है कि मेहनत की कमाई सबसे पवित्र होती है. अगर आपको बिना काम किये सालाना 1 करोड़ रुपये का पैकेज मिले और कहीं जाना भी नहीं पड़े तो आप क्या करेंगे. इस सवाल पर आपकी जो भी राय हो लेकिन आयरिश रेल विभाग में फाइनेंस मैनेजर डर्मोट एलिस्टेयर मिल्स को बिना काम किये वेतन लेना बिल्कुल पसंद नहीं है. वह पूर्ण रुप से काम करना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
मिल्स ने कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया और उनका कहना है कि उन्हें ऑफिस में बहुत कम काम दिया जा रहा है. क्योंकि रेलवे खातों से जुड़े कुछ मामलों पर सवाल उठाए थे. मिल्स के अनुसार उन्होंने 2014 में रेलवे ऑपरेटर से जुड़े कुछ अकाउंट्स मामलों के बारे में सवाल किए थे जिसके बाद से उनके काम में रुकावट डाली जा रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक मिल्स का कहना हैं कि वह ऑफिस में अपना अधिक्तर समय अखबार पढ़ने, लंबी सैर करने और सैंडविच खाने में लगाते हैं. मिल्स को 8 लाख रुपये का मासिक वेतन है जो कि सालाना पैकेज करीब 1 करोड़ रुपये का है. उनका मानना है कि उन्हें कुछ न करने के वावजूद भी ‘लाखों की सैलरी’ दी जा रही है।
वर्कप्लेस रिलेशन कमीशन के सामने उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें आयरिश रेल के खिलाफ जाने पर सजा दी जा रही है. ऑफिस में कोई काम न होने की वजह से वह बोर होते रहते हैं. उनका कहना है कि उन्हें हफ्ते में दो दिन घर पर ही रहने के लिए दिया जाता है, काम से जुड़े कोई ईमेल भीनहीं प्राप्त होते हैं और मीटिंग्स में भी शामील नहीं करते है. इस मामले की अगली सुनवाई अब फरवरी में की जाएगी।
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