Economic Crisis: नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बाद से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में लगातार गिरावट देखी जा रही है। कर्ज लेने के मामले में भारत के पड़ोसी देश सबसे आगे निकलते जा रहे हैं। भारते के पड़ोसी देशों में पाकिस्तान कर्ज लेने के मामले में नंबर एक पर है। दूसरे नंबर पर श्रीलंका है […]
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बाद से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में लगातार गिरावट देखी जा रही है। कर्ज लेने के मामले में भारत के पड़ोसी देश सबसे आगे निकलते जा रहे हैं। भारते के पड़ोसी देशों में पाकिस्तान कर्ज लेने के मामले में नंबर एक पर है। दूसरे नंबर पर श्रीलंका है और अब तीसरे नंबर पर बांग्लादेश आ गया है। आर्थिक संकट से जूझ रहा बांग्लादेश अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से कर्ज को लेकर बातचीत शुरू करने जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो बांग्लादेश ने कुछ ही दिन पहले कर्ज के लिए अपना आवेदन आईएमएफ (IMF) के पास भेजा था। इस तरह अब दुनिया भर में बढ़ रहे मौजूदा आर्थिक संकट (Economic Crisis) के बीच बांग्लादेश तीसरा ऐसा दक्षिण एशियाई देश (South Asian Country) बन गया है, जो आर्थिक संकट से उबरने के लिए आईएमएफ की पनाह में गया है।
बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार बांग्लादेश सरकार ने एडीबी और विश्व बैंक को चिट्ठी लिखकर 1 अरब डॉलर की मांग की है। वहीं पिछले हफ्ते ही वित्त मंत्री ने आईएमएफ से मदद की गुहार लगाई थी। जिसपर IMF ने कहा था कि वो बांग्लादेश के कर्ज मांगने के अनुरोध को लेकर चर्चा करेगा। बांग्लादेशी मीडिया ने कुछ दिन पहले ही एक रिपोर्ट में बताया था कि देश अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 4.5 अरब डॉलर चाहता है, जिसमें बजटीय और भुगतान संतुलन सहायता शामिल है।
बता दें कि जुलाई 2022 में आईएमएफ से मिले आंकड़े के मुताबिक पाकिस्तान ने अब तक 5194 मिलियन डॉलर का कर्ज लिया है। वहीं आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका ने विश्व बैंक लगभग 600 मिलियन डॉलर का कर्ज लिया है। तीसरे नंबर पर बांग्लादेश ने जुलाई 2022 तक विदेशी मुद्रा भंडार से 762 मिलियन डॉलर का कर्ज लिया है। कर्ज लेने के मामले में चौथे नंबर पर अफगानिस्तान है, जिसने अबतक विदेशी मुद्रा भंडार से 378 मिलियन डॉलर का कर्ज लिया है, वहीं पांचवें नंबर पर म्यांमार है और छठे नंबर पर नेपाल है।