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पाकिस्तान में गहराता जा रहा है आर्थिक संकट, व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

नई दिल्ली : भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान इस समय आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. पहले चावल, दाल और तेल कि कीमत इतनी ज्यादा थी की लोग परेशान थे. अब घी और खाद्य तेल का संकट मंडरा रहा है. पाकिस्तान के व्यापारी सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे है. व्यापारियों ने सरकार को चेतावनी […]

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पाकिस्तान में गहराता जा रहा है आर्थिक संकट, व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
  • February 2, 2023 4:59 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली : भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान इस समय आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. पहले चावल, दाल और तेल कि कीमत इतनी ज्यादा थी की लोग परेशान थे. अब घी और खाद्य तेल का संकट मंडरा रहा है. पाकिस्तान के व्यापारी सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे है. व्यापारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द से जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो आने वाले समय में बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी बैंक आवश्यक वस्तुओं के आयात के लिए साख पत्र जारी नहीं करते है तो पाकिस्तान की जनता को समस्या का सामना करना पड़ सकता है.

20 से 30 दिन में पैदा हो सकता है संकट

शेख रेहान ने एक बयान जारी कर कहा कि बैंक बंदरगाह पर उतारे गए माल के दस्तावेजों को क्लीयर करने में विफल हो रहे है जिसकी वजह से परेशानी हो रही है. अगर सरकार जल्द से जल्द दस्तावेजों को क्लीयर नहीं करती है तो आने वाले 20 से 30 दिनों में घी और खाना पकाने के तेल के संकट का सामना करना पड़ सकता है. स्थिति इतनी खतरनाक होने के बावजूद सरकार इसपर कोई ध्यान नहीं दे रही है.

कुछ महीनों से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लगातार खराब हो रही है. देश में विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार कमी हो रही है. हालत इतनी खराब है कि पाकिस्तान के पास केवल 3 सप्ताह के आयात को कवर करने भर बचा है. पिछले साल आई विनाशकारी बाढ़ की वजह से पाकिस्तान पहले से ही कर्ज में डूबा हुआ है और अब खाद्य पदार्थों के संकट से जूझ रहा है. पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था तो सुधारने के लिए आईएमएफ से बेलआउट फंड लेने की कोशिश कर रहा है. पाकिस्तान में महंगाई इतनी बढ़ गई है कि मूलभूत जीचें भी नहीं मिल पा रही है. पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स ने अपने एक बयान में कहा है कि पिछले महीने की तुलना में जनवरी में जरूरू सामानों की कीमतें 2.9 फीसदी बढ़ी है वहीं दिसंबर में सीपीआई 24.5 प्रतिशत तक पहुंच गई थी.

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