नई दिल्ली: म्यांमार में भूकंप के बाद से स्थिति गंभीर बनी हुई है। वहीं अब खबर सामने आई है कि मृतकों की संख्या का आंकड़ा 1644 पहुंच गया है, इसी के साथ 3408 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार, सबसे ज्यादा नुकसान सागाइंग और मांडले में हुआ, जहां दर्जनों इमारतें जमींदोज हो गईं। इसके बावजूद बचाव दल लगातार मलबे में फंसे लोगों को निकालने में जुटे हैं और लोगों से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
थाईलैंड तक महसूस हुए झटके
भूकंप का असर थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक तक महसूस किया गया, जहां 10 लोगों की मौत और 16 लोग घायल हुए हैं। आपदा रोकथाम विभाग के मुताबिक, बैंकॉक समेत दो अन्य प्रांतों को आपातकालीन आपदा क्षेत्र घोषित किया गया है। वहीं राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन 101 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।
भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ
म्यांमार और थाईलैंड के हालात को देखते हुए दुनियाभर से मदद के लिए हाथ बढ़ाया जा रहा है. इस बीच भारत ने शनिवार को 15 टन राहत सामग्री भेजी और ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत बचाव दलों को हवाई और समुद्री मार्ग से और अधिक आपूर्ति भेजने की योजना बनाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के सैन्य जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात कर भारत की ओर से सहायता देने का आश्वाशन दिया गया.
प्रभावित इलाकों तक पहुंचना मुश्किल
उधर ब्रिटेन ने 10 मिलियन पाउंड (12.9 मिलियन डॉलर) की मानवीय सहायता देने का वादा किया है, जिससे प्रभावितों को भोजन, पानी, दवा और आश्रय उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं एलन मस्क ने स्टारलिंक संचार सेवाएं प्रदान करने की पेशकश की ताकि राहत कार्यों में कोई बाधा न आए। हालांकि संयुक्त राष्ट्र (OCHA) ने बताया कि भूकंप से सड़कें, पुल और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है, जिससे राहत सामग्री प्रभावित इलाकों तक पहुंचाना मुश्किल हो रहा है। अब देखना होगा कि म्यांमार इस स्थिति से कब तक उभर पाता है।ये भी पढ़ें:
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