Myanmar Earthquake: शुक्रवार को अचानक प्रकृति ने विज्ञान को फिर याद दिलाया कि उसके पास हर मर्ज की दवा नहीं है। विज्ञान लाख कोशिशें कर लें लेकिन जब प्रकृति अपना कहर बरपाएगी तो वो बेबस खड़ा रहेगा। म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप से मची तबाही में 704 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हैं। यूनाइटेड स्टेट जियोलॉजिकल सर्वे ने दावा किया है कि म्यांमार में मौत का आंकड़ा 10 हजार से ज्यादा हो सकता है।
बता दें कि म्यांमार के सुबह साढ़े 11 के करीब 7.7 तीव्रता का भयानक भूकंप माया। कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसमें 150 लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों लोग लापता है। भूकंप का केंद्र म्यांमार के मांडले शहर में था। इसके झटके इतने जबरदस्त थे कि भारत, बांग्लादेश, थाईलैंड और चीन तक को हिलाकर रख दिया।
म्यांमार मीडिया के अनुसार, शुक्रवार को आए शक्तिशाली भूकंप में क्षतिग्रस्त हुई इमारतों में म्यांमार की राजधानी नेपीता में 1000 बिस्तरों वाला एक अस्पताल भी शामिल है। सैन्य शासित म्यांमार ने 144 लोगों की मौत और 732 लोगों के घायल होने के बाद सहायता मांगी है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि भूकंप के बाद जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र दक्षिण पूर्व एशिया में संसाधन जुटा रहा है। इस बीच, म्यांमार के सैन्य जुंटा ने भी अन्य देशों से तत्काल सहायता मांगी है। रॉयटर्स के मुताबिक, बैंकॉक में 9 लोगों की मौत हुई है। थाईलैंड में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
हमारी धरती की सतह 7 बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी हुई है। ये सारे प्लेट्स तैरती रहती है। इसी क्रम में कभी कभी वापस में टकरा जाती है। कई बार टकराने से ट्स के कोने मुड़ जाते हैं और टूटने लगते हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर निकलने के लिए जगह ढूंढने लगती है। इस कारण डिस्टर्बेंस आता है और फिर भूकंप आता है।