बिहार: नेपाल की राजधानी काठमांडू में 5.5 तीव्रता भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने कहा कि सुबह करीब 7:58 मिनट पर झटके महसूस किए गए। भूकंप तीव्रता इतना तेज था कि बिहार के कई जिलों में इसका प्रभाव देखने को मिला है। लोगों का मानना है कि उन्हें भी […]
बिहार: नेपाल की राजधानी काठमांडू में 5.5 तीव्रता भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने कहा कि सुबह करीब 7:58 मिनट पर झटके महसूस किए गए। भूकंप तीव्रता इतना तेज था कि बिहार के कई जिलों में इसका प्रभाव देखने को मिला है। लोगों का मानना है कि उन्हें भी झटके महसूस हुए ।
रविवार अर्थात छुट्टी वाला दिन होने के कारण लोग घरों पर ही थे। ऐसे में सुबह-सुबह भूकंप के तीव्रता ने लोगों को दहशत में डाल दिया। झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर की ओर भागे। हालांकि गनीमत रही कि भूकंप के वजह से जान-माल के नुकसान की जानकारी नहीं है।
धरती मुख्य तौर पर इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट परतों से बनी होती हैं। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहा जाता है। ये 50 km की मोटी परत कई श्रेणी में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहते हैं। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर कंपन करती रहती हैं उसी दौरान जब इस प्लेट में बहुत ज्यादा कंपन हो जाती है तब भूकंप असर होता है।
भूकंप का केंद्र स्थान वह होता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से धरती हिलने लगती है। इसके आसपास के क्षेत्रों में भूकंप का असरअधिक होता है। अगर रिक्टर स्केल पर 7 या इससे ज्यादा तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 km के दायरे में झटका तेज होता है।
सामान्य अर्थ में किसी भी प्राकृतिक घटना का वर्णन करने के लिए भूकंप शब्द का उपयोग किया जाता है, यह एक प्राकृतिक घटना है। अक्सर भूकंप भूगर्भीय दोषों के वजह से आते हैं, पृथ्वी के भीतर मुख्य रूप से गहरी मीथेन, नाभिकीय, ज्वालामुखी और भूस्खलन परिक्षण ऐसे मुख्य दोष हैं।