नई दिल्ली: एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, कहा जा रहा है कि एक दशक में धरती का तापमान 1.5 डिग्री तक बढ़ सकता है, साथ ही मौसम के अंदर कई तरह के परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं. खबर के मुताबिक यदि अगले कुछ दशकों में उत्सर्जन अधिक रहता है तो […]
नई दिल्ली: एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, कहा जा रहा है कि एक दशक में धरती का तापमान 1.5 डिग्री तक बढ़ सकता है, साथ ही मौसम के अंदर कई तरह के परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं. खबर के मुताबिक यदि अगले कुछ दशकों में उत्सर्जन अधिक रहता है तो इस सदी के मध्य तक पूर्व-औद्योगिक समय की तुलना में पृथ्वी के औसतन 2 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म होने का अंदेशा है।
अमेरिका में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के एक जलवायु वैज्ञानिक नूह डिफेनबॉघ ने कहा कि भविष्य के बारे में अनुमान जताने के लिए जलवायु प्रणाली की वर्तमान स्थिति पर निर्भर एक पूरी तरह से नए दृष्टिकोण का उपयोग करते हुए हम पुष्टि करते हैं कि दुनिया1.5 डिग्री सेल्सियस सीमा पार करने की दहलीज पर है. उन्होंने यह भी कि पहले से ही धरती का तापमान अधिक है और यदि इसके शुद्ध शून्य उत्सर्जन तक पहुंचने में एक और आधी शताब्दी लगती है तो इसके 2 डिग्री सेल्सियस को पार करने का अनुमान है.
पेरिस समझौते के तहत तमाम देशों ने वादा किया था कि वह ग्लोबल वॉर्मिंग को प्री-इंडस्ट्रीयल स्तर के 2 डिग्री सेल्सियस वाले तापमान से बहुत नीचे रखने पर काम करेगे। पहले के आकलनों से साफ हुआ कि वैश्विक क्लाइमेट मॉडल्स को भावी चेतावनियों के लिए प्रयोग किया गया है।
इस नए अध्ययन से हम यही अंदाजा लगा सकते है कि एक दशक में धरती का तापमान वर्तमान तापमान से बढ़ सकता है. इस पर कई देशों के वैज्ञानिक गहरे अध्ययन के जरिये इसका समाधान निकालने में पूरी शिद्दत से लगे हुए हैं।
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