पाकिस्तान में शिया-सुन्नी मुसलमानों के बीच हिंसा इस कदर बढ़ गई है कि पिछले कुछ दिनों में 150 से ज्यादा मुसलमान इस हिंसा में अपनी जान गंवा चुके हैं। इन हिंसक झड़पों में 300 से ज्यादा परिवार घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। इस दंगे के बाद दोनों संप्रदायों के बीच एक बैठक हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने कैदियों की अदला बदली और मृतकों के शव लौटाने पर भी सहमति जताई।
नई दिल्लीः पाकिस्तान में हालात बेहद खराब हैं। पाकिस्तान में इस समय मुसलमान ही मुसलमान की हत्या कर रहा है। शिया-सुन्नी मुसलमानों के बीच हिंसा इस कदर बढ़ गई है कि पिछले कुछ दिनों में 150 से ज्यादा मुसलमान इस हिंसा में अपनी जान गंवा चुके हैं। अकेले शनिवार को 32 लोगों की जान गई और रविवार को 21 लोग मारे गए, जिसके बाद पाकिस्तान सरकार ने सीजफायर करने का फैसला लिया है। इन हिंसक झड़पों में 300 से ज्यादा परिवार घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं।
इस दंगे के बाद दोनों संप्रदायों के बीच एक बैठक हुई, जिसमें निर्णय हुआ कि शिया और सुन्नी संप्रदाय के लोग अगले सात दिनों तक सीजफायर का पालन करेंगे। दोनों पक्षों ने कैदियों की अदला बदली और मृतकों के शव लौटाने पर भी सहमति जताई। कैदियों में महिलाएं भी शामिल हैं। सैफ ने बताया कि रविवार को सुन्नी कबायली नेताओं से मिलने से पहले 23 नवंबर को सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने शिया जनजाति के सदस्यों से मुलाकात की और संघर्ष विराम समझौते के बाद पेशावर लौट आया।
यह हिंसा पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) प्रांत के कुर्रम कबायली जिले में हुई है। खैबर पख्तूनख्वा में शिया-सुन्नी समुदाय के बीच हिंसा 21 नवंबर को शुरू हुई थी। यहां कुर्रम जिले से शिया समुदाय का एक काफिला गुजर रहा था, जिस पर घात लगाकर हमला किया गया। इस हमले में 42 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद शिया समुदाय ने जवाबी कार्रवाई की और हिंसा बढ़ती चली गई। दोनों समुदायों के लोग बड़ी संख्या में मारे गए। हिंसा बढ़ती देख केपीके सरकार ने एक उच्च स्तरीय आयोग का गठन किया। केपीके प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता बैरिस्टर मुहम्मद अली सैफ ने बताया कि समझौते के तहत दोनों समुदायों के बुजुर्गों ने फैसला किया कि मृतकों के शव एक-दूसरे को लौटा दिए जाएं।
Also Read- अब संन्यास लेंगे महाराष्ट्र के चाणक्य! चुनाव में करारी हार के बाद शरद पवार ने…
‘अल्लाह की अदालत से कोई नहीं बचेगा’ बोलने पर जिया उर रहमान पर भड़के नरसिंहानंद,…