नई दिल्ली। बांग्लादेश में हुए राजनीतिक उठापटक के बीच हिंदुओं के खिलाफ हिंसा जारी है। भारत में भले ही अखिलेश-राहुल ने चुप्पी मार ली है लेकिन दुनिया के कोने-कोने से हिन्दुओं के समर्थन में आवाज उठाई जा रही है। अमेरिका में प्रेसिडेंट पद के दावेदार विवेक रामास्वामी ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। […]
नई दिल्ली। बांग्लादेश में हुए राजनीतिक उठापटक के बीच हिंदुओं के खिलाफ हिंसा जारी है। भारत में भले ही अखिलेश-राहुल ने चुप्पी मार ली है लेकिन दुनिया के कोने-कोने से हिन्दुओं के समर्थन में आवाज उठाई जा रही है। अमेरिका में प्रेसिडेंट पद के दावेदार विवेक रामास्वामी ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने साफ़ और कड़क शब्दों में कहा है कि हिंदुओं को निशाना बनाना बंद कर दो।
रामास्वामी ने कहा कि कट्टरपंथी लगातार हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने बुधवार को एक्स पर लिखा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा चिंताजनक है। बांग्लादेश ने 1971 में अपने लिए खुनी युद्ध लड़ा। हजारों बांग्लादेशी नागरिकों की हत्या कर दी गई। महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ। लेकिन इसके बाद, बांग्लादेश ने अपनी सिविल सेवा में नौकरियों के लिए एक कोटा प्रणाली लागू की। इसमें 80% नौकरियां विशिष्ट सामाजिक समूहों (युद्ध के दिग्गजों, बलात्कार पीड़ितों, कम प्रतिनिधित्व वाले निवासियों, आदि) को आवंटित की गईं। केवल 20% नौकरियां योग्यता के आधार पर आवंटित की गईं।
The targeted violence against Hindus in Bangladesh is wrong, it’s concerning, and it’s a cautionary tale for victimhood-laced quota systems. Here’s what happened: Bangladesh fought a bloody war for its independence in 1971. Hundreds of thousands of Bangladeshi civilians were…
— Vivek Ramaswamy (@VivekGRamaswamy) August 14, 2024
विवेक ने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि कोटा प्रणाली बांग्लादेश के लिए एक आपदा साबित हुई। 2018 में विरोध प्रदर्शनों के कारण अधिकांश कोटा समाप्त कर दिया गया लेकिन फिर पीड़ित-संरक्षकों ने संघर्ष किया तो इसे इस साल बहाल कर दिया गया। इससे और अधिक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, जिससे सरकार गिर गई और प्रधानमंत्री भाग गईं। एक बार अराजकता शुरू हो जाए तो उस पर आसानी से लगाम नहीं लगाया जा सकता। कट्टरपंथी अब हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं.
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