अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन के ऊपर बौद्धिक संपदा की चोरी का आरोप लगा चुके हैं. उनका कहना है कि चीन अमेरिका के कुछ सेक्टर्स में निवेश कर रहा है इसके अलावा वह यूएस गोपनीय जानकारी निकाल रहा है.
नई दिल्ली. विश्व के दो शक्तिशाली देश अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर शुरु हो चुकी है. दोनों ही देश आपसी आयात निर्यात पर टैक्स में बदलाव कर रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि उनका उद्देश्य चीन के साथ वार्षिक व्यापार में हो रहे घाटे में कटौती करना है. ऐसे में जब डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आने वाले 60 अरब डालर के सामान पर टैक्स लगाने का फैसला किया तो इसके जवाब में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका के 3 अरब डॉलर के आयात पर टैरिफ लगाने की बात कही है.
हालांकि यूएस चीन के किस उत्पाद पर कितना टैक्स लगाएगा इसकी सूची अभी आना बाकी है लेकिन जैसे को तैसा जवाब देने को तैयार चीन ने साफ कर दिया है कि वह अमेरिका के 128 उत्पादों पर कर लगाएगा. उसने अमेरिका के 1 अरब डॉलर के 120 उत्पादों पर 15% जिनमें स्टील पाईप, ड्राई फ्रूट और वाइन शामिल हैं और 2 अरब डॉलर के अन्य 8 उत्पाद (सूअर का मांस, रिसाईकिल अल्युमीनियम इत्यादि) पर 25% टैक्स लगाया है.
बताते चलें कि डोनाल्ड ट्रंप चीन पर बौद्धिक संपदा की चोरी का आरोप लगा चुके हैं और इसपर भी टैरिफ लगाने की योजना बना रहे हैं. उनका कहना है कि एक खास रणनीति के तहत चीन अमेरिका के कुछ सेक्टर्स में निवेश कर गोपनीय जानकारी निकाल रहा है. इसको लेकर पिछले साल 1974 यूएस ट्रेड एक्ट के तहत सेक्शन 301 के भीतर जांच भी हुई थी.
इस बीच व्हाइट हाउस द्वारा आर्थिक शत्रु बताए जा रहे चीन की ओर से बयान आया है कि ‘ चीन किसी ट्रेड वॉर की आशा तो नहीं करता लेकिन इससे डरता भी नहीं है.’ उसने कहा है कि ‘चीन को आशा है कि अमेरिका सही राह पर वापस आ जाए, समझदारी से फैसले करे, और द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को बिगाड़ने से बचें.’ गौरतलब है कि चीन अमेरिका से आने वाले 130 अरब डॉलर के सालाना आयात पर कड़ा प्रहार कर सकता है. चीन ने अमेरिका को धमकी दी और कहा कि वह अमेरिका के इस्पात उत्पादों और कृषि पर उच्च टैरिफों को पर विचार कर रहा है.
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