डोनाल्ड ट्रंप ने खुफिया दस्तावेज रखने के केस में अदालत में किया सरेंडर, बोले- नहीं हैं दोषी

नई दिल्ली: यूएस के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कल मंगलवार (13 जून) को गोपनीय दस्तावेजों के आरोपों का सामना करने के लिए मियामी की संघीय कोर्ट पहुंचे और अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप ने अदालत से आग्रह किया है कि उन्हें दोषी न ठहराया जाए.

ट्रंप ने खुद पर लगे आरोपों को निराधार बताया

दरअसल इससे पहले शुक्रवार 9 जून को डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ गोपनीय सूचनाओं संबंधी मामले में संघीय आरोपों को सार्वजनिक किया था. वह गोपनीय जानकारियों से संबंधित दस्तावेज रखने, न्याय में बाधा डालने और झूठे बयानों से जुड़े 37 मामलों का सामना कर रहे हैं. इस मामले में डोनाल्ड ट्रंप ने उनके ऊपर लगाए गए आरोपों को हास्यास्पद और निराधार बताया था.

2021 में गोपनीय जानकारी वाली फाइलें साथ ले जाने का आरोप

न्याय विभाग का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी साल 2021 में जब व्हाइट हाउस छोड़ा था तो वह अपने साथ पेंटागन, सीआईए, राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी और अन्य खुफिया निकायों से अत्यंत संवेदनशील सूचना वाली गोपनीय दस्तावेज ले गए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप ने खुफिया सूचनाओं वाले दस्तावेजों को शॉवर और बॉलरूम में छिपाकर रखा था.

ट्रंप पर लगे आरोपों में कहा गया कि अपने मार-ए-लागो एस्टेट में दस्तावेजों के बक्सों को ले जाने में वह खुद शामिल थे. मिली जानकारी के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप के आवास से एफबीआई जो बहुत गोपनीय दस्तावेज जब्त किए उनमें विदेशी राष्ट्र की परमाणु क्षमताओं की जानकारी शामिल है.

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