Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव हस्तक्षेप केस में छूट दे कोर्ट, संघीय अदालत से ट्रंप का अनुरोध

नई दिल्लीः पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद के खिलाफ दायर आपराधिक मामले को खारिज करने का अनुरोध किया है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप ने वॉशिंगटन की अपील अदालत से कहा कि 2020 के चुनाव में हस्तक्षेप के मामले में उन्हें छूट मिलनी चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि वह राष्ट्रपति पद पर […]

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Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव हस्तक्षेप केस में छूट दे कोर्ट, संघीय अदालत से ट्रंप का अनुरोध

Tuba Khan

  • December 25, 2023 9:54 am Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

नई दिल्लीः पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद के खिलाफ दायर आपराधिक मामले को खारिज करने का अनुरोध किया है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप ने वॉशिंगटन की अपील अदालत से कहा कि 2020 के चुनाव में हस्तक्षेप के मामले में उन्हें छूट मिलनी चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि वह राष्ट्रपति पद पर रह चुके हैं ऐसे में उन्हें मुकदमेबाजी से सुरक्षा प्राप्त होनी चाहिए।

निचली अदालत में अपील खारिज

ट्रंप ने कहा, डीसी सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स (DC Circuit Court of Appeals) में निचली अदालत का निर्णय पलटा जाना चाहिए। पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ विशेष वकील जैक स्मिथ ने 2020 के चुनाव में हस्तक्षेप का मामला दर्ज कराया था। निचली अदालत में भी ट्रंप ने छूट का दावा किया था, लेकिन अदालत ने उनकी दलीलों को खारिज कर दिया था।

वकील जैक स्मिथ ने की है शिकायत

रिपोर्ट के अनुसार संघीय अदालत का अपील पैनल ट्रंप के अनुरोध पर विचार कर रहा है। वकील जैक स्मिथ की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले की तत्काल सुनवाई से मना कर दिया। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति के वकीलों ने जो दलीलें निचली अदालतों में दी हैं, अपीलीय कोर्ट में दाखिल मामले में भी उसी बात को दोहराया गया है। ट्रंप ने अपनी याचिका में बताया कि बतौर राष्ट्रपति उन्होंने अपनी आधिकारिक क्षमता में चुनावी अखंडता सुनिश्चित करने के लिए काम किया। पूर्व राष्ट्रपति पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर 2020 के चुनाव परिणामों को प्रभावित करने का प्रयास किया था। ट्रंप ने कहा कि उनके खिलाफ अभियोग असंवैधानिक है।

पूर्व राष्ट्रपति के वकीलों ने दलील दी है कि अमेरिका में राष्ट्रपति के खिलाफ ‘आधिकारिक कृत्यों’ में लापरवाही के आरोप के तहत आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। उन्होंने कहा कि जब तक सीनेट में महाभियोग प्रस्ताव लाकर उन्हें दोषी नहीं बताया जाता , अदालत में उनके खिलाफ मुकदमा असंवैधानिक है।

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