मौत को देना है दावत तो महंगाई पर बोलो, सरकार बनी कसाई, 29 बच्चें को उतार सकती मौत के घाट

नई दिल्ली: अगर आपको लगता है कि महंगाई बढ़ गई है और आपका जीना मुश्किल हो गया है तो चुपचाप मर जाइए. लेकिन सरकार के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोलना. अगर बोलोगे भी तो मार दिए जाओगे. जी हां, हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि महंगाई के खिलाफ आवाज उठाने पर 29 लोगों […]

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मौत को देना है दावत तो महंगाई पर बोलो, सरकार बनी कसाई, 29 बच्चें को उतार सकती मौत के घाट

Zohaib Naseem

  • November 3, 2024 2:33 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 weeks ago

नई दिल्ली: अगर आपको लगता है कि महंगाई बढ़ गई है और आपका जीना मुश्किल हो गया है तो चुपचाप मर जाइए. लेकिन सरकार के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोलना. अगर बोलोगे भी तो मार दिए जाओगे. जी हां, हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि महंगाई के खिलाफ आवाज उठाने पर 29 लोगों की जान खतरे में है। नाइजीरिया में महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन करने पर 29 बच्चों को मौत की सजा हो सकती है। इन बच्चों पर नाइजीरिया में बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने का आरोप है.

 

हत्या कर दी गई

 

इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को हुई. इन बच्चों पर देश में बढ़ती महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने का आरोप था. वहीं सुनवाई के दौरान इनमें से चार बच्चे डर से बेहोश हो गये. एसोसिएटेड प्रेस ने बताया कि कुल 76 मुद्रास्फीति विरोधी प्रदर्शनकारियों पर देशद्रोह, संपत्ति को नष्ट करने, सार्वजनिक अशांति और विद्रोह सहित 10 गंभीर मामले लगाए गए थे। वहीं इनमें से 29 नाबालिग बच्चे हैं, जिनकी उम्र कतरीबन 14 से 17 साल के बीच हैं. नाइजीरिया में बढ़ती महंगाई से लोगों में निराशा है और हाल के महीनों में कई बड़े विरोध प्रदर्शन हुए हैं. हालांकि अगस्त में युवाओं के लिए बेहतर अवसरों और नौकरियों की मांग को लेकर एक विरोध प्रदर्शन हुआ था. कम से कम 20 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई और सैकड़ों को गिरफ्तार कर लिया गया।

 

फांसी नहीं दी गई

 

बता दें कि सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, नाइजीरिया में 1970 के दशक में मौत की सजा की शुरुआत हुई थी, लेकिन 2016 के बाद से देश में कोई फांसी नहीं दी गई है। वहीं कम से कम 20 लोगों की गोली मर दी गई और सैकड़ों को गिरफ्तार कर लिया गया। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, नाइजीरिया में 1970 के दशक में मौत की सजा की शुरुआत की गई थी, लेकिन 2016 के बाद से देश में किसी को भी फांसी नहीं हुई। हालांकि अब इन 29 बच्चों पर मौत की सजा का खतरा गहरा गया है. नाइजीरियाई शहर अबुजा के एक निजी वकील अकिंतायो बालोगुन ने कहा कि बाल अधिकार अधिनियम किसी भी बच्चे पर आपराधिक कार्यवाही और मौत की सजा की अनुमति नहीं देता है। बालोगुन के अनुसार, नाबालिगों को संघीय उच्च न्यायालय के समक्ष पेश करना गलत है।

 

आलोचना हो रही

 

वहीं सरकार को यह साबित करना होगा कि सभी लड़के की उम्र 19 साल से अधिक उम्र के हैं. हालांकि, कुछ लड़कों के वकील मार्शल अबुबकर ने कहा कि अदालत ने प्रत्येक प्रतिवादी को 10 मिलियन नायरा ($ 5,900) के बांड पर जमानत दी और उन पर कड़ी शर्तें लगाईं, जो कि अभी तक पूरा नहीं हो पाया हैं। अबुबकर के मुताबिक, ये बच्चे 90 दिनों से बिना भोजन के हिरासत में हैं। सरकार के इस कदम की चौतरफा आलोचना हो रही है. नाइजीरिया में नागरिक समाज संगठन एनफ इज इनफ के कार्यकारी निदेशक येमी एडमोलेकुन ने कहा कि अधिकारियों को बच्चों पर मुकदमा चलाने का कोई अधिकार नहीं है।

 

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