नई दिल्ली : जांच एजेंसियों को आशंका है कि सेलफोन इस्तेमाल करने वाले लाखों भारतीयों का डाटा-पुर्जों के माध्यम से चीन भेजा जा चुका है। इससे देश की सुरक्षा में सेंध और साइबर फ्रॉड का भी खतरा बढ़ गया है। ग्रेनो में रह रहे चीनी नागरिकों के नेपाल बॉर्डर और गुरुग्राम से गिरफ्तारी के बाद […]
नई दिल्ली : जांच एजेंसियों को आशंका है कि सेलफोन इस्तेमाल करने वाले लाखों भारतीयों का डाटा-पुर्जों के माध्यम से चीन भेजा जा चुका है। इससे देश की सुरक्षा में सेंध और साइबर फ्रॉड का भी खतरा बढ़ गया है।
ग्रेनो में रह रहे चीनी नागरिकों के नेपाल बॉर्डर और गुरुग्राम से गिरफ्तारी के बाद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों को चीनी नागरिकों व उनके मददगार माने जा रहे रवि नटवरलाल से पूछताछ में पता चला है कि आरोपी भारत से मोबाइल स्क्रैप खरीदकर उनके पुर्जों को चीन भेज देते थे।
जांच एजेंसियों को आशंका है कि सेलफोन इस्तेमाल करने वाले लाखों भारतीयों नागरिकों का डाटा इन पुर्जों के माध्यम से चीन भेजा जा चुका है। इससे देश की सुरक्षा में सेंध व साइबर फ्रॉड का भी खतरा बढ़ गया है। इस खुलासे के बाद जांच एजेंसियां पूरे मामले की पूर्ण रुप से जांच में जुटी हैं। 11 जून इंडो-नेपाल बॉर्डर से दो चीनी नागरिकों लु लैंग और यूं हेलंग व गुरुग्राम से जू फाई व उसकी महिला मित्र नगालैंड की रेनुओ पटेखो की गिरफ्तारी के बाद अब रवि नटवरलाल का नाम सामने आया था।
नोएडा सेक्टर-143 की गुलशन इकबाना सोसाइटी के रहने वाला, मूलरूप से गुजरात निवासी रवि नटवरलाल वर्ष 2012 में एमबीबीएस करने चीन गया था, चीन के संदिग्ध नागरिकों के संपर्क में आकर अवैध गतिविधियों में संलिप्त हो गया। उसने सबसे पहले गुजरात में ही चीन की एक इलेक्ट्रोनिक कंपनी से जुड़कर काम शुरू किया. फिर उसके बाद नौ कंपनियां बनाकर लाखों का लेन-देन व खरीद-फरोख्त करने लगा। जांच में मामला सामने अया है कि रवि नटवरलाल की कंपनियों के माध्यम से ही मोबाइल स्क्रैप आदि की खरीद-फरोख्त की गई है।