मोसाद की खतरनाक मौत की कहानियां: कभी घुस कर मारा, कभी दूर से उड़ाया दुश्मन!

नई दिल्ली: इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने एक बार फिर से दुनिया का ध्यान खींचा है। इस बार मोसाद ने लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों को पेजर हैक कर निशाना बनाया, जिसमें अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है और 3 हजार से ज्यादा लोग घायल हैं। हिजबुल्लाह ने इजरायल को जवाब देने की कसम खाई है, लेकिन सवाल यह उठता है कि इजरायल ने इतना सटीक हमला कैसे किया? इसका जवाब है इजरायल की घातक खुफिया एजेंसी मोसाद, जो अपने दुश्मनों को चुन-चुनकर मारने के लिए जानी जाती है।

मोसाद: इजरायल की जानलेवा खुफिया एजेंसी

मोसाद इजरायल की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसियों में से एक है। इसका काम गुप्त ऑपरेशंस करना और आतंकियों को खत्म करना है। मोसाद की स्थापना 1949 में हुई थी और 1951 के बाद से यह सीधे इजरायल के प्रधानमंत्री के अधीन काम करती है। इसमें दो मुख्य यूनिट्स हैं – मेटसाडा, जो दुश्मनों पर सीधे हमले करती है, और किडोन, जो गुप्त ऑपरेशंस करती है।

मोसाद के बड़े ऑपरेशन और खतरनाक हमले

1. ऑपरेशन फिनाले (1960): एडॉल्फ इचमैन का शिकार

एडॉल्फ इचमैन, जो होलोकॉस्ट के दौरान लाखों यहूदियों की हत्या का जिम्मेदार था, तीन बार पकड़े जाने के बाद भी भाग निकला। लेकिन मोसाद ने 1960 में उसे अर्जेंटीना से पकड़ कर इजरायल लाया, जहां उसे फांसी दी गई।

2. ऑपरेशन मुरल और याचिन (1961-1964): मोरक्को से यहूदियों की गुप्त निकासी

जब मोरक्को ने अपनी यहूदी आबादी को देश छोड़ने से मना किया, तब मोसाद ने 600 से ज्यादा यहूदी बच्चों को चुपचाप इजरायल पहुंचाया। बाद में ऑपरेशन याचिन के तहत 1 लाख से अधिक यहूदियों को भी सुरक्षित निकाला गया।

3. ऑपरेशन एन्टेंबे (1976): युगांडा में बंधकों की रिहाई

मोसाद ने महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी जुटाई, जिससे इजरायली कमांडो ने युगांडा में हाईजैक हुए एयर फ्रांस के विमान के 100 से अधिक बंधकों को सफलतापूर्वक बचा लिया।

4. ऑपरेशन रैध ऑफ गॉड (1972-1988): म्यूनिख ओलंपिक का बदला

1972 में म्यूनिख ओलंपिक में इजरायली खिलाड़ियों की हत्या के बाद, मोसाद ने ब्लैक सितंबर और उनके समर्थकों को चुन-चुनकर मारा।

5. ऑपरेशन ओपेरा (1981): इराक के परमाणु रिएक्टर का खात्मा

हालांकि यह हमला इजरायली वायुसेना ने किया, लेकिन मोसाद ने इराक के ओसिरक परमाणु रिएक्टर पर खुफिया जानकारी जुटाने में अहम भूमिका निभाई, जिसे इजरायल के लिए बड़ा खतरा माना जा रहा था।

6. महमूद अल-मबौह की हत्या (2010): हमास कमांडर का अंत

दुबई में हमास के वरिष्ठ कमांडर महमूद अल-मबौह की हत्या में मोसाद के एजेंटों ने अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए ऑपरेशन को बिना किसी सुराग के अंजाम दिया।

7. ऑपरेशन डायमंड (1966): इराकी पायलट को भगाकर मिग-21 लाना

मोसाद ने इराकी पायलट को अपने देश छोड़ने के लिए राजी किया और उसके साथ सोवियत मिग-21 लड़ाकू विमान को इजरायल ले आया, जिससे इजरायल को महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी मिली।

8. ऑपरेशन मूसा (1984-1985): इथियोपियाई यहूदियों को बचाना

मोसाद ने इथियोपिया के अकाल के दौरान हजारों यहूदियों को इजरायल लाने के लिए गुप्त अभियान चलाया और उन्हें सुरक्षित पहुंचाया।

9. इमाद मुगनीह की हत्या (2008): हिजबुल्लाह कमांडर का अंत

हिजबुल्लाह के एक वरिष्ठ कमांडर इमाद मुगनीह को दमिश्क में एक कार बम विस्फोट में मार दिया गया। माना जाता है कि इस ऑपरेशन में मोसाद और सीआईए का हाथ था।

10. अबू जिहाद की हत्या (1988): पीएलओ के शीर्ष नेता का अंत

मोसाद ने इजरायली कमांडो के साथ मिलकर ट्यूनीशिया में एक ऑपरेशन चलाया और पीएलओ के दूसरे सबसे बड़े नेता अबू जिहाद को मार गिराया, जो इजरायल के खिलाफ कई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड थे।

 

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