बीजिंग. अक्सर चीन का विरोध करने वाले तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने भारत और चीन के शीर्ष नेताओं की आगामी मुलाकात पर खुशी जाहिर की है. दलाई लामा ने कहा कि भारत और चीन को साथ-साथ रहना है, इसलिए बेहतर होगा कि वे एक परिवार की तरह रहें. उन्होंने कहा कि दोनों देश एक-दूसरे को नष्ट तो नहीं कर सकते, ऐसे में दोनों का मिलकर रहना ही बेहतर विकल्प है. बता दें कि 27 और 28 अप्रैल को प्रधानमंत्री चीन जाएंगे और यहां पर उनकी मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से होगी.
बता दें कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को बीजिंग में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की. मुलाकात के बाद कहा कि चीन के वुहान शहर में 27-28 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग अनौपचारिक शिखर सम्मेलन करेंगे और इस दौरान आपसी समझ बढ़ाने के लिये कई द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे.
भारत में अपने निर्वासन के 60 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक व्याख्यान में रविवार को दलाई लामा ने कहा कि तिब्बत, चीन के साथ रहकर आर्थिक रूप से लाभान्वित हो सकता है, जबकि खुद चीनी नागरिक तिब्बती बौद्ध धर्म से काफी कुछ सीख सकते हैं. बता दें कि 27-28 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात करेंगे. सेंट्रल चीन के वुहान शहर में पीएम और राष्ट्रपति की मुलाकात होगी. डोकलाम के दौरान कूटनीतिक स्तर पर दोनों देशों के बीच काफी तनातनी रही थी. लेकिन एक बार फिर अच्छे संकेत मिले हैं.
दलाई लामा ने की पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मुलाकात, कहीं ये खास बातें
तिब्बत पर बोले दलाई लामा, चीन से स्वतंत्रता नहीं और विकास चाहिए
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