नई दिल्ली। फ्रांस के मायोट द्वीप पर चक्रवाती तूफान चिडो का कहर देखने को मिला है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां पर 225 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलीं, जिसने भारी तबाही मचाई है। बताया जा रहा है कि मायोट में यह पिछले 100 सालों में आया सबसे भीषण तूफान है। इस तूफान की वजह से कम से कम 1000 लोगों के मारे जाने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि अभी तक फ्रांस की ओर से मृतकों का कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं आया है।
मायोट में लोग चिडो तूफान की तुलना परमाणु बम से कर रहे हैं। तूफान की वजह से यहां की हजारों बस्तियां पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। बता दें कि मायोट द्वीप हिंद महासागर में स्थित है। इस द्वीप पर फ्रांस का कब्जा है। हैरानी की बात यह है कि इस द्वीप से फ्रांस करीब 8 हजार किलोमीटर दूर है। फिलहाल फ्रांस से आया बचाव दल मलबों में जिंदा बचे लोगों को ढूंढ रहा है।
बता दें कि मायोट की आबादी करीब साढ़े 3 लाख है। इसे यूरोपीय संघ का सबसे पिछड़ा इलाका माना जाता है। यहां पर हजारों लोग के सामने खाने-पीने और रहने की समस्या है। चक्रवाती तूफान की वजह से पूरे द्वीप पर भुखमरी जैसे हालात हैं। लोगों को तीन-तीन दिन तक पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है। फ्रांस के गृह मंत्रालय के मुताबिक मायोट में करीब 1 लाख घर अवैध प्रवासियों के हैं, जहां की 77 फीसदी आबादी गरीबी रेखा के नीचे रहती है।
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