नई दिल्ली। बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन अब बड़े आंदोलन में बदल चुका है। बताया जा रहा है कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना देश छोड़कर भाग गई हैं। लाखों लोग कर्फ्यू तोड़कर सड़क पर आ चुके हैं। हजारों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास में घुस चुके हैं। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक शेख हसीना देश छोड़ चुकी हैं।
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में मिल रहे कोटा प्रणाली को खत्म करने की मांग को लेकर छात्र एक महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार से पहले हुए हिंसा में 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। बांग्लादेश सरकार ने देश में सभी सोशल मीडिया साइट को बंद कर दिया है।
बता दें कि 1971 में जब बांग्लादेश आजाद हुआ था तो वहां 80 फीसदी कोटा सिस्टम लागू हुआ। इसमें पिछड़े जिलों के लिए 40%, स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को नौकरी में 30% और महिलाओं को 10% का आरक्षण दिया गया। वहीं सामान्य छात्रों के लिए महज 20 फीसदी सीटें रखी गई। बाद में पिछड़े जिलों के आरक्षण को घटाकर 10% कर दिया गया, जिसके बाद सामान्य छात्रों के लिए 45% सीटें आरक्षित हो गई। वहीं स्वतंत्रता सेनानियों के बेटे-बेटियों को मिलने वाले आरक्षण में उनके पोते-पोतियों को भी जोड़ दिया गया।
कोटा 56 फीसदी से घटाकर 10 प्रतिशत की जाए।
योग्य कैंडिडेट नहीं मिलने पर मेरिट लिस्ट से हो भर्ती।
सभी उम्मीदवार के लिए परीक्षा एक जैसा हो।सभी कैंडिडेट के लिए उम्र सीमा एक हो।
एक बार से ज्यादा कोई आरक्षण का इस्तेमाल न कर पाए।
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