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जिन देशों ने चीन से लिया कर्ज, आज हो चुके हैं बर्बाद…

नई दिल्ली। अमेरिका ने दुनिया के देशों को चीन के सस्ते कर्ज के जाल में न फंसने की चेतावनी दी है. अमेरिका ने कहा है कि इस समय श्रीलंका और पाकिस्तान का संकट पूरी दुनिया के सामने है ये दोनों चीन के कर्ज के जाल में फंसे हैं. इसके अलावा ये दोनों ही पूरी दुनिया […]

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pakistan- sri lanka
  • April 12, 2022 3:27 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली। अमेरिका ने दुनिया के देशों को चीन के सस्ते कर्ज के जाल में न फंसने की चेतावनी दी है. अमेरिका ने कहा है कि इस समय श्रीलंका और पाकिस्तान का संकट पूरी दुनिया के सामने है ये दोनों चीन के कर्ज के जाल में फंसे हैं. इसके अलावा ये दोनों ही पूरी दुनिया के लिए स्पष्ट संकेत हैं कि इसका असर कितना बुरा हो सकता है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक विकास के लिए चीन पर निर्भर रहना किसी भी देश के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. इसका ताजा उदाहरण चीन और श्रीलंका हैं. दोनों देश आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं.

महज संयोग नहीं है

ग्लोबल स्ट्रेट की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह महज संयोग नहीं है कि दोनों ने आर्थिक विकास के नाम पर चीन से भारी कर्ज लिया था. इस दौरान वह पूरी तरह चुप रहे. वे तब जागे जब पूरी दुनिया में आर्थिक संकट देखा जाने लगा. इसकी एक बड़ी वजह चीन की लैब से शुरू हुई दुनिया भर में फैली कोरोना महामारी थी. चीन के कर्ज के जाल की इस नीति का वैश्विक स्वरूप देखा जा सकता है.

चीन का पुराना साथी है पाकिस्तान

पाकिस्तान चीन का पुराना साझेदार है और साथ ही इस कर्ज के जाल में फंसे देश की मिसाल भी है. विश्व बैंक की रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान दुनिया के सबसे बड़े कर्जदारों में दसवें नंबर पर है.

पाकिस्तान को कर्ज

पाकिस्तान ने चीन से भारी कर्ज लिया है। चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना का एकमात्र उद्देश्य झिंजियांग को बलूचिस्तान, पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह से जोड़ना था. इस रिपोर्ट में कई विशेषज्ञों ने भी चीन के कर्ज के जाल पर अपनी राय देते हुए कहा है कि इसका मकसद पाकिस्तान के रणनीतिक ठिकानों पर कब्जा करना भी था. बता दें कि चीन की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को एक चीनी बैंक से वित्तपोषित किया गया था.

बुरी स्थिति में श्रीलंका भी..

अगर श्रीलंका की बात करें तो कोरोना महामारी ने यहां के पर्यटन उद्योग की कमर तोड़ दी है, जिसने इसकी अर्थव्यवस्था में अहम योगदान दिया है. पर्यटन यहां विदेशी मुद्रा अर्जित करने का एक महत्वपूर्ण साधन रहा है. चीन के कर्ज के जाल से श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार घटता चला गया है.

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