Corona again in China नई दिल्ली, Corona again in China एक बार फिर से चीन में कोरोना से हालात बेकाबू होते नज़र आ रहे हैं. वहां टेस्टिंग किट के लिए मारामारी जैसी स्थितियां हैं. क्वारंटाइन की जगह भी धीरे धीरे ख़त्म होती जा रही है. साथ ही चीन में मेडिकल सप्लाई में भी कमी दिख […]
नई दिल्ली, Corona again in China एक बार फिर से चीन में कोरोना से हालात बेकाबू होते नज़र आ रहे हैं. वहां टेस्टिंग किट के लिए मारामारी जैसी स्थितियां हैं. क्वारंटाइन की जगह भी धीरे धीरे ख़त्म होती जा रही है. साथ ही चीन में मेडिकल सप्लाई में भी कमी दिख रही है.
पिछले 10 हफ़्तों में चीन में करीब 14000 हज़ार नए कोरोना के मामले सामने आए हैं. पड़ोसी देश चीन कई शहरों में लॉक डाउन लगाने पर मजबूर है. ये स्थिति वर्ष 2020 के बाद सबसे बुरी स्थिति बताई जा रही है. चीन में जल्द ही मेडिकल संसाधनों की भी कमी होने की संभावना है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि स्थितियां ऐसी ही रही तो चीन के संसाधनों में दबाव बढ़ सकता है.
अंदाजा लगाया जा रहा है कि ये हालात ओमिक्रॉन के चलते इतनी तेज़ी से बढ़ रहे हैं. यदि हालात ऐसे ही रहे तो जल्द ही पूरा चीन लॉक डाउन की चपेट में होगा. इसके अलावा चीनी अर्थव्यवस्था के लिए भी ये स्थिति हानिकारक बताई जा रही है.
ख़बरों की माने तो चीन में हालात इतने बद्द्तर हैं कि कोविड का टेस्ट करवाने के लिए भी लोगों को मारामारी का सामना करना पड़ रहा है. जीरो कोविड पॉलिसी के तहत चीन में लोगों को क्वारंटाइन किया जा रहा है. सबसे ज़्यादा प्रभावित जिलिन के अस्पतालों को क्वारंटाइन की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. कम जगह को देखते हुए अस्थाई अस्पताल बनाए जा रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार वहां मेडिकल सप्लाई भी केवल अगले दो या तीन दिनों के लिए ही बची है.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में एपिडेमियोलॉजी के प्रोफेसर चेन झेंगमिन की मानें तो अगले दो हफ़्तों में इस समस्या से बचाव के कदम को निर्धारित किया जा रहा है साथ ही संक्रमण को रोकने के लिए क्या ये कदम काफी है पर भी विचार किया जा रहा है.
चीन की जीरो कोविड पॉलिसी के तहत पहले उस व्यक्ति की पहचान की जाती है जिसे कोरोना है और आगे के लिए उसे क्वारंटाइन किया जाता है. हालांकि पूरे चीन में अबतक 90 फीसद आबादी को वैक्सीन लग चुकी है लेकिन अभी भी वहां पर्याप्त बुज़ुर्गों को बूस्टर डोज़ नहीं दी गयी है. ये वो वर्ग है जिनमें संक्रमण और मृत्युं का खतरा ज्यादा है.